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The rise of bikram (Hindi)
उत्तम अनुभव के लिए ऑडियो में सुनिए

कहानी के सारे पात्र काल्पनिक हैं । कहानी में लिखे नाम और स्थान का वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं । कहानी अपने जिंदगी से और जिंदगी में मिले लोगो से प्रेरित होके लिखी गई हैं।

संगीत : न ना रे ना ना रे ना ना

सुबह ९ बजे का समय है बिक्रम सोया हुआ हैं तभी माता जी कहती हैं " अरे ओह निक्खत्तू उठ जा " बिक्रम अपने बिस्तर से उठ जाता हैं और सीधे उसका हाथ मोबाइल के पास जाता है। मोबाइल भी बोल पड़ता हैं : अबे हग तो ले जाके पहले दिन भर घुसा रहता हैं मुझ में ।

फिर बिक्रम ब्रश करने जाता हैं, आईना तभी बोल पड़ता हैं : भाई सोने के दांत कब लगवाए ? बिक्रम अरे भाई मेरे सोने के दांत नहीं हैं बस थोड़े पीले हो गए हैं ।

३० मिनट बाद :
संगीत : ननारे न ना रेरे नाना ननारे न ना रेरे नाना

(आज का युवा जाग चुका हैं अब अपने डेढ़ जीबी डाटा को खत्म करने के लिए तैयार हो चुका हैं )
हा यह हैं राइस ऑफ बिक्रम ।

मां बाप के दिए मोबाइल का इस्तेमाल करने के लिए सुबह से व्याकुल बिक्रम को मिल चुका हैं अब पूरा मौका वोह मोबाइल लेता हैं और शुरू करता हैं सोशल मीडिया इस्तेमाल करना और लोगो के झगड़े और कॉमेंट में घुसना तभी उसका मोबाइल बोल उठता हैं भाई तू ये लड़कियों वाली हरकते कब छोड़ेगा जाके फ्रॉक पहन ले। बिक्रम गुस्से में मोबाइल को साइलेंट कर देता हैं और आप काम शुरू रखता हैं । जैसे ही उसकी मां देखती हैं बिक्रम क्या कर रहा है बिक्रम बोलता हैं पढ़ रहा हु मम्मी । अलमारी से सारी किताबें फड़फड़ाने लगती हैं और कहती हैं अरे चोमू मोबाइल को इतने टाइम से चाट रहा हैं झूट क्यू बोलता हैं ।
तभी बिक्रम को कॉल आता हैं और बिक्रम डर जाता हैं । ऐसा क्या था उस कॉल मे जो बिक्रम डर गया पढ़ते रहिए , सुनते रहिए

भाग २ जल्दी ही आएगा

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