anjana ehsaas ✨♥️
मेरा नाम आकांक्षा है।मैं कक्षा 12 में पढ़ती हूं ।कुछ ही दिनों में मैं 18 साल की पूरी हो जाऊंगी । कोई नही जानता था कि मेरी सारी खुशियां किसी एक फैसले के चलते मेरी खामोशियां बन जाएंगी। मैं एक दिन अपने कमरे की सफाई कर रही थी तभी मैंने अपनी मम्मी को बात करते सुना। वो कह रही थी "जितना जल्दी हो सके akshuu की शादी करवा देंगे ,हमें लगता है अब वो ठीक ठाक बड़ी हो गई है और घर का काम भी जानती है तो फिर हम इस February तक इसकी शादी करवा देंगे।"मेरा ये बात सुनके रंग पीला पड़ गया मुझे कुछ समझ नही आया उस पल तक तो। फिर जब मम्मी मेरे पास एक उन्होंने हमको सब बताया तो हमको लगा ठीक है। घरवाले जो कहेंगे वही करना होगा वैसे भी एक लड़की हमेशा से समर्पण करती आ रही है तो मुझे भी करना होगा।फिर अपने आप को समझा के मैंने हां बोल दिया।मेरे दिमाग में बहुत से प्रश्न घूम रहे है जैसे यदि मेरे होने वाले पति ने मुझे धोका दिया या फिर हम दोनो के रास्ते एक ही हुई पर हम दोनो एक न हो पाए।कभी प्यार नही कर पाए एक दूसरे से तो।कहीं मै उसकी आदर्श पत्नी ना बन पाई तो।कहीं उसको सभी अपेक्षाएं पूर्ण न कर पाई तो।कहीं वो मुझसे दूर हो गया तो इस प्रकार के बहुत से सवाल मेरे मन में है पर मैं किसी से कह भी नही सकती।मां ने बताया है की उसकी सरकारी नौकरी है उसके पास उसका खुद का घर भी है।उसके साथ बस उसको मां रहती है और पापा का स्वर्गवास हो चुका है। मैं हमेशा से ऐसा ही परिवार चाहती थी।पर मैने अपने जीवन में बहुत से सपने देखे थे जिन्हे अब मुझे छोड़ना होगा।सब खत्म हो जाएगा।ये सब सोच सोच के मेरे सिर की ऐसी तैसी हो गई है।मुझे नही पता की भविष्य में क्या होने वाला है पर जो भी है मुझे स्वीकार करना होगा एक स्त्री के नाते ही सही या अपने मां पापा के लिए ही सही। सबकुछ सोचते सोचते पता ही नही चला की कब लड़के वाले मुझे देखने आ गए मुझे तैयार किया गया और उनके सामने ले जाया गया जब मैं बैठी तो मेरी नज़र एक काले कुर्ते वाले लड़के पे गई मुझे ऐसा लगा कि हम दोनो की समस्या एक ही है पर हम दोनों को समझा कर बैठाया गया है की कोई गड़बड़ न हो। मेरी मां अचानक बोली"जाओ तुम दोनों अकेले में बात कर लो जाके।"लड़के की मम्मी ने मां की बात में सहमती दिखाई।और हम दोनों को छत पर भेज दिया गया।कुछ देर हम दोनो शांत रहे।फिर हम दोनो साथ मैं बोले"आप ये शादी क्यों करना चहाते हैं?"हम दोनो को हसी आ गई।उसने बोला पहले तुम बोलो मैंने बोला नही तुम।फिर आखिर कर हम दोनों बोले कि परिवार की वजह से।लड़का बोला कि मैं इकलौता hu इसलिए मां को मेरी चिंता रहती है इसलिए वो मेरी शादी किसी ऐसी लड़की से करना चाहती है जो मेरा खयाल रख सकती हो। मैने बोला अच्छा मैं घर की बड़ी बेटी हूं और मेरे पापा चाहते है की मेरी शादी जल्दी हो जाए और मैं अपने परिवार में घुलमिल जाऊं।हमदोनो कुछ देर तक बात करते रहे।फिर हम दोनो की मां के हमें बुलाया।मेरी मां बोली कैसा लगा लड़का मैने बोला कैसा आपको ठीक लगे मुझे कोई दिक्कत नही है।लड़के की मम्मी ने भी उससे वही सवाल किया और उसने भी वही जवाब दिया।मुझे कहीं न कहीं वो लड़का ठीक ही लग रहा था।पर न जाने क्यों वो मुझे बार बार देख रहा था वो भी बड़ी ही प्यारी नजरों से।ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए ।मेरी सखियां मुझे अब उसके नाम से चिड़आने लगी ।और न जाने क्यों मुझे भी शर्म आ जाती थी। रोका का दिन आ गया। सुबह से मेरे घर में मेहमान आने शुरू हो गए । सब मेरे भाई बहन चाचा ताऊ के बच्चे बार बार मुझसे पूछ रहे कि दीदी जीजा कैसे हैं ?मुझे उनका फोटो दिखाओ।और न जाने क्या क्या।मैने सबको एक ही बात बोली शाम को जब वो आएंगे तो सबसे मिलवा दूंगी अभी जाओ तैयार हो जाके और मुझे भी होने दो।शाम हो गई सारे मेहमान आ गए पर न जाने क्यों जिसके लिए मैं कबसे बैठी हूं वो नही आया।मुझे लगा मेरी जैसी किस्मत है मुझे कहां ही कोई लड़का पसंद करेगा ।हो सकता है की मुझसे मिलने के बाद उसका मन बदल गया हो और उसने शादी के लिए मना कर दिया हो ।और मैं यहां फालतू में सज के बैठी हूं।ये सब सोच ही रही थी की तभी सारे घर में रौनक फैल गई और सारे बच्चे चिल्लाने लगे जीजा जी आ गए जीजा जी आ गए। मैं भाग के बाहर गई और छज्जे पे से देखा और शायद उससे भी मेरा इंतजार था वो पहले से ही छज्जे की ओर देख रहा था।मैंने उसको देखा और उसने मुझे उसने इशारों इशारों में कुछ कहा ।शायद वो कह रहा होगा की मैं अच्छी दिख रही हूं या फिर हो सकता है ये सब मेरे दिमाग की उपज हो। रोका होने में अभी काफी देर थी क्योंकि जो पहला मूहर्त था वो निकल चुका था और दूसरा मूहर्त काफी देर में था और तभी सारे रिश्तेदार इधर उधर हो गए।मेरी मां ने लड़के से कहा बेटा तुम जाके ऊपर वाले कमरे में आराम कर लो अभी देर है हम तुम्हे बुला लेंगे।उस कमरे में शायद कोई नहीं है।लड़का बोला ठीक है।वो ऊपर आया और दरवाजा खटखटाया। मैने दरवाजा खोला और बिना देखे बोल दिया की जाओ ना जब तुम्हारे जीजा जी आ जायेंगे तो मिलवा देंगे हम खुद उनसे मिलना चाहते है ।जाओ अब दिमाग मत खराब करो।लड़का बोला"हेलो, कैसी हो?"मैं एक दम सदमे में की क्या मैने इसके सामने बोल दिया खेर जो भी है।मैने मुस्कुराते हुए जवाब दिया"सॉरी,मैं अच्छी हूं आप कैसे हैं और यहां ऊपर कैसे आना हुआ ? वो बोला "अभी मूहर्त मैं काफी समय है तो मां ने कहा कि ऊपर जाके आराम कर लो और शायद उन्हें नही पता था कि तुम यहां हो।अगर तुम्हे कोई दिक्कत न हो तो क्या मैं अंदर आ जाऊं ?"हां हां ज़रूर" मैने हिचकिचाते हुए बोला। हम दोनो अंदर बहुत देर तक बाते करते रहे कभी एक दूसरे की अपेक्षाओं के बारे में तो कभी एक दूसरे की रुचियों के बारे में घर वाले इस बात से अनजान थे की हम दोनो एक साथ बाते कर रहे है।फिर कुछ देर बात करने के बाद उन्होंने मुझसे मेरा फोन नंबर मांगा।मैने सर नीचे झुका कर कहा मेरे पास कोई फोन नही है।मैं मम्मी का फोन यूज करती हूं।वो हसा और बोला"तो उसका ही नंबर देदो वैसे भी अब हमारी शादी होने वाली है।मैने उसे नंबर दे दिया।रोका संपन्न हुआ।फिर वो जाने लगे तो न जाने क्यों मेरा मन के रहा था tu thodi der aur ther jaaa। पर फिर वो चले गए।घर पहुंच के उन्होंने मुझे मैसेज भेजा। नोटिफिकेशन देख के समझ गई थी कि ये वही है। हमदोनो रोज बाते किया करते थे और पता ही नही चला की मुझे उससे थोड़ा थोड़ा प्यार होने लगा है तभी एक दिन उसने मुझसे कहा" मिलना चाहोगी कितने दिन हो गए न "? मैने भी हां कह दिया पर अब दिक्कत ये थी की मां को क्या बताऊं तो मैने सोचा मैं कॉलेज को तरफ उन्हें बुला लेती हू फिर उसके आगे हम साथ में चले जायेंगे।अगले दिन में कॉलेज जाने के लिए तैयार हुई और निकल गई। कॉलेज पहुंच के देखा महाराज जी पहले से ही वहां मेरा इंतजार कर रहे थे।हम साथ में घूमते रहे और बाते करते रहे। शाम होने का इंतजार कर रहा था शायद वो शाम होते ही वो मुझे समुद्र के किनारे ले गया और वहां जाकर उसने ताली बजाई और देखते ही देखते हजारों बत्तियां जल गई आसमान में बहुत सारी आतिशबाजी शुरू हो गई मैं ये सब देख के बहुत खुश हुई और थोड़ी देर तक समझ नही पाई की ये हो क्या रहा है फिर मैने सोचा शायद कोई अपनी प्रेमिका के लिए किया होगा पर हमने ये सब बिगाड़ दिया।मैं उनसे पूछने के लिए पीछे मुड़े और मैने देखा वो नीचे अपने घुटनों पर बैठा हुआ है और एक मेरे पसंदीदा फूलों का गुलदस्ता उसके हाथ में हैं।वो बड़े ही प्यारी आवाज में बहुत ही प्यार से बोला"ये लो तुम्हारे लिए तुम्हे ये पसंद है ना" ।मैं मुस्कुराई कुछ बोल पाती उससे पहले वो फिर से बोला"शादी करोगी हमसे..घुमा फिरा के बात नही कर पाता हूं पर तुमसे प्यार करने लगा हूं।जब से तुम्हे देखा है तबसे लेकर हमेशा के लिए तुम्हे हर दिन प्यार करूंगा।मैं तुम्हे yesterday से ज्यादा और tomorrow से कम प्यार करूंगा । तुम्हे कभी भी किसी चीज की कमी नही होगी और होगी तो सीधा मुझे बोलना।मेंने उसे घुटने पर से उठाया और गले लगा लिया मेरी आंखों में आंसू थे।उसको गले लगाने के बाद वो भी रोने लगा और कहने लगा मैने नही सोचा था कि तुम जैसी इतनी अच्छी लड़की कभी मेरी जिंदगी में आएगी ।" अच्छा तो मैं चलती हूं काफी देर हो गई है मां इंतजार करती होगी और शायद पापा भी आ गए होंगे"मैने आंखों में आंसू लेके कहा।" मेरे सवाल का जवाब देती जाओ और कहो की जल्दी फिर से मिलने आओगी"उसने अपने आंसू पोछे और कहा। मैने उसे और जोर से गले लगाया और कहा "आऊंगी ना तुमसे नही मिलूंगी तो किससे मिलूंगी ।"फिर हम दोनो अपने अपने घर की तरफ चले गए घर जाके आराम किया और पलक झपकते ही शादी का दिन आ गया।सारी रस्में पूरी हो चुकी थी।बारात दरवाजे पे आ गई है।मैं भी तैयार हो चुकी हूं।फेरे के लिए मुझे लाया गया वो मुझे बस देखता ही रह गया।फेरे और शादी की सभी रस्में एक दम अच्छे से हुई।सबकुछ इतने अच्छे से होगा किसने सोचा था।विदाई के समय थोड़ा सा रोई मैं।तभी पीछे से वो बोले"रोने की क्या बात है, मैं हूं ना हमेशा तुम्हारे साथ और वो भी तो तुम्हारा परिवार है।"मेरी मां बोली बेटा इसे कोई दिक्कत ना होने देना।वो बोला"मां आपको कोई दिक्कत लगे फोरन आप ले जाना इससे मैं नही रोकूंगा।" सब कुछ अच्छे से हो गया।अब मैं उसके साथ एक अच्छा रिश्ता और एक अच्छी उम्र बिताऊंगी।🌸🥀✨
© akshuu ♥️
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