...

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दफा हो जाओ
मेरी जिंदगी से
सारे एहसास और ख्यालों मुझे जीने दो
अब छोड़ दो मुझे मुझे छोड़ दो अकेला
जिंदगी जीने दो मुझे जीने दो अकेले
अब मुझे तुम्हारी जरूरत नही
अब मुझे किसी की जरूरत नही
फिर
मेरे अन्दर से एक एहसास एक ख्याल कुछ बोला
मुझसे पूछने लगा कि हमारा कुसूर क्या है
फिर वो ख्याल वो एहसास बोला
तू खुद ही कभी लालच कभी घमंड तो कभी कल्पना करके हमें अपने दिमाग में रखकर बैठा है
बेहिसाब उम्मीदें कर बैठा है
कर जरा हिसाब अपनी जिंदगी का और बता तू ये क्या किए बैठा है
कल्पना लालच और घमंड का एक जंगल बनाए बैठा है
उस जंगल में कल्पना के पेड़ पौधे लगाए बैठा है
उन पर फल आने की उम्मीद लगाए बैठा है
खुश होता है सोचकर कि तेरी मर्जी से तेरी हर कल्पना साकार होगी
तू अपनी एक अलग ही दुनिया बनाए बैठा है
अपनी दुनिया चलाने को कुछ इरादे किए बैठा है
तेरा दिल तेरा दिमाग तू दोनों को रोगी बनाए बैठा है
ये इच्छाओं का लालच करके हमें बुलाके खुद में शामिल करके खुद हमसे मौहब्बत किए बैठा है
अब तू हमसे है और हम तुझमें शामिल हैं
तू खुद अपनी जिंदगी को नर्क बनाए बैठा है

Important - कृप्या कोई भी ये ना सोचे कि इस बात का संबंध मुझसे है
मैं कल्पना लालच घमंड जैसी बीमारियों से दूर अलग ही रहता हूं
ये मात्र एक भावना की अभिव्यक्ति है कि कैसे घमंड लालच करके एक इंसान कल्पनाओं के जाल में फंस जाता है और उसकी यही हालत होती है
#10
© Vish