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जीवन अभिलाषा।।
मैं क्या हु ,मैं कौन हूं,मेरे जीवन क्या है इन्ही सब सवालों मैं घिरी हुई जिंदगी चली जा रही थी और आज भी उसी सवाल का एक सवाल ये भी था कि क्या यही है तेरी जिंदगी ,जिसे तू अपना बनाता रहा उनको अब तक हँसाता रहा क्या ये जीवन मे तूने यही कमाया है खुद की बेजत्ती करा कर जो दुसरे को हँसाता रहा उन्हें तो ये भी नही पता तू कौन ओर क्या है,तेरी भी कोई इज़्ज़त है,ये जिल्लत भरी जिंदगी मैं कौन तेरा अपना है कौन पराया ये तू अभी भी न जान सका
फिर भी तू कहता है तू एक अच्छी जिंदगी जी है अभी तक,क्या जी है मुझे बस ये बता, देखु मैं भी आज तेरे साथ कौन खरा,क्यों तू दूसरे के लिए जीता है, क्यों तू लोगो की परवाह करता है क्यों तुझे दुसरो की दर्द दिख जाती है ,क्यों तुझे इंसानियत से भी प्यार हो जाती है,क्यों
जो तुम्हे नही देखना चाहता उसे क्या दिखाना चाहते हो,सब तो तुम्हे अकेला छोड़ दिये फिर भी तू उनके साथ खरा है,जिनमे भरोसा किया वही तेरा भरोसा तोड़ दिया फिर भी एक मुस्कान लिए तू उससे कुछ नही बोला क्यों तू ऐसा क्यों है तेरा मन तुझे नही झंझोरती है की तू ऐसा है।
जिनके लिए तू अच्छे अच्छे तस्बीर अच्छे अच्छे पंक्ति ओर उनके लिए समय दिया वो तो तुझे देखा भी नही ,क्या उसका दोस्त उसका साथी नही था,अरे जिसके लिए सुबह से देख रहा है राह की वो भी तुझे देखे वो तो तुझे जानता भी नही
अब क्या करोगे क्या लेकर जाओगे इतना सब कुछ देते हो प्यार, मोहब्बत ,एक रिस्ते पर क्या ये सब ह तुम्हारे क्या मिला तुम्हे ये सब कर के ।।।
जबाब मेरे पास खुद के सवालों का न था और नही होगा और नही देना चाहूंगा क्योंकि मैं ऐसा ही हु,जिंदगी 2 पहलू का नाम है एक तरफ मिठास है जो कि नरम ओर ठंडा है दूसरी तरफ गर्म है थोड़ा कड़क अब ये आपपे निर्भर करती है कि आप कैसे जीते हो।।वक़्त हालात तो वही रहते है, पर जीवन मे अगर परिवर्तन न आये तो अपने लक्ष्य तक पहुँचना थोड़ा मुश्किल हो जाता है,अतःअंत मे यही कहूंगा जीवन मे एक मुस्कान जरूरी है ,जीवन मे काटें भी बहोत आएंगी पर आपका काम है उन कांटो को हटाना दूरियां मिटाना,न कि उन कांटो पे लगे हुए गुलाबो को।।

धन्यबाद ।।।
आपका प्रशांत राजपूत।।