तुम्हारे किस्से 🖤
तुम्हारी तरक्की के सारे किस्से कल से बढ़े मशहूर हो रहें हैं, अखबार से लेकर सोशल मीडिया नेटवर्क पर भी तुम्हारे फोटो और बधाइयों के किस्से बड़े जोर सोर से सज रहें हैं, तुम्हारे क़रीब रहने वाले और अजनबियों के भी फ़ोन पर तुम्हारे नाम और फोटो पर बधाइयों के फूल सज रहें हैं, ये सब देख हैरत में कहां हैं हम इससे पहले भी तुम्हारे तरक्की के किस्से बहुत मशहूर हुए हैं..
लेकिन इन सबके बीच अगर कुछ कम हुआ, कुछ बदल गया है तो वो है समय की मार और परिस्थितियों में बदलाव,
तुमने कल अपनी खुशियों को नवाबों के शहर की बेगम के हाथों से मुंह मिठा ही नहीं अपनी रात को भी बहुत हसीन सजाया होगा..
इस सबके बीच तुम्हें बीता हुआ कल या बिताए हुए लम्हें कहां ही याद आएं होंगे..
शायद तुम्हारे लिए तो नहीं ,
पर मेरे लिए दूरियों की दीवार हमारे दरमियान सी खींच गयी है तुम्हें उज्जवल भविष्य की बधाईयां देने का हक़ तुमसे मिठाई मांगने का हक़ अब कहां बचा है, मेरे पास अब कुछ अतिशेष है ...
तो गुज़रे हुए लम्हों को याद करते हुए तुम्हारी तस्वीरों को चूमकर, तुम्हारे एहसासों को गले लगाते हुए कल पूरी रात तुम्हें इस तरक्की के लिए तोहफ़े स्वरूप ख़ुद को समर्पित करते हुए गुजारी है मैंने,
काश !
मेरे पास भी हक़ होता..
तुम्हें बोलने का , तुमसे ये कहने का मेरी पार्टी स्पेशल चाहिए हैं हमें मिलना है अब इतने महीने गुज़र गए हम मिलें तक नहीं है...
तुमने तो मेरे अरमानों को कुचलते हुए हमसे बात करने तक का हक़ जैसे मेरी अंतिम सांस तक के लिए छीन लिया हो...
ख़ैर..
इस सबके बीच...
मेरी जहाज़ भर के ज़हान भर की बधाईयां तुम्हारे शहर में तुम्हारे फर्स्ट फ्लोर पर तुम्हारे द्वार तक पहुंचे....
उम्मीद करते हैं ये बधाई लेने के लिए दरवाजे तक तुम ही आओगे...💌💌
,🎉🎉💔💔
© Jeshu
लेकिन इन सबके बीच अगर कुछ कम हुआ, कुछ बदल गया है तो वो है समय की मार और परिस्थितियों में बदलाव,
तुमने कल अपनी खुशियों को नवाबों के शहर की बेगम के हाथों से मुंह मिठा ही नहीं अपनी रात को भी बहुत हसीन सजाया होगा..
इस सबके बीच तुम्हें बीता हुआ कल या बिताए हुए लम्हें कहां ही याद आएं होंगे..
शायद तुम्हारे लिए तो नहीं ,
पर मेरे लिए दूरियों की दीवार हमारे दरमियान सी खींच गयी है तुम्हें उज्जवल भविष्य की बधाईयां देने का हक़ तुमसे मिठाई मांगने का हक़ अब कहां बचा है, मेरे पास अब कुछ अतिशेष है ...
तो गुज़रे हुए लम्हों को याद करते हुए तुम्हारी तस्वीरों को चूमकर, तुम्हारे एहसासों को गले लगाते हुए कल पूरी रात तुम्हें इस तरक्की के लिए तोहफ़े स्वरूप ख़ुद को समर्पित करते हुए गुजारी है मैंने,
काश !
मेरे पास भी हक़ होता..
तुम्हें बोलने का , तुमसे ये कहने का मेरी पार्टी स्पेशल चाहिए हैं हमें मिलना है अब इतने महीने गुज़र गए हम मिलें तक नहीं है...
तुमने तो मेरे अरमानों को कुचलते हुए हमसे बात करने तक का हक़ जैसे मेरी अंतिम सांस तक के लिए छीन लिया हो...
ख़ैर..
इस सबके बीच...
मेरी जहाज़ भर के ज़हान भर की बधाईयां तुम्हारे शहर में तुम्हारे फर्स्ट फ्लोर पर तुम्हारे द्वार तक पहुंचे....
उम्मीद करते हैं ये बधाई लेने के लिए दरवाजे तक तुम ही आओगे...💌💌
,🎉🎉💔💔
© Jeshu
Related Stories