नौ का पहाड़ा
"चलो उठो, चार बज गए। कितनी बार कहा है शाम में इतनी देर भी ना सोया करो की रात में नींद ना आए।"
मैंने आंखे खोली तो देखा मां हाथ में एक कॉपी और पेंसिल लिए खड़ी है। आज तो मुझे 9 का पहाड़ा याद करके लिखना था पर टॉम एंड जेरी से फुर्सत ही नहीं मिली तो अब मां को क्या बोलूं?
मां का ध्यान भटकाने के लिए मै उठी और गर्दन में हाथ डालते हुए कहा- "मां पहले झूला।"
मुझे उम्मीद थी कि मेरी मासूमियत पर पिघल कर शायद मां पहाड़ा भूल जाएंगी और झूले के बाद थोड़ा खेलने के बहाने आज मां को बहला दिया जाएगा।
पर शायद मै भूल गई थी कि चार साल की तो मै थी मां नहीं।
मां ने भी बड़े प्यार से मुझे गोदी में उठाया और सीधा मुझे मेरी लाल कुर्सी-टेबल पर बिठा दिया और बोली- "पहले पहाड़ा फिर झूला।"
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मैंने आंखे खोली तो देखा मां हाथ में एक कॉपी और पेंसिल लिए खड़ी है। आज तो मुझे 9 का पहाड़ा याद करके लिखना था पर टॉम एंड जेरी से फुर्सत ही नहीं मिली तो अब मां को क्या बोलूं?
मां का ध्यान भटकाने के लिए मै उठी और गर्दन में हाथ डालते हुए कहा- "मां पहले झूला।"
मुझे उम्मीद थी कि मेरी मासूमियत पर पिघल कर शायद मां पहाड़ा भूल जाएंगी और झूले के बाद थोड़ा खेलने के बहाने आज मां को बहला दिया जाएगा।
पर शायद मै भूल गई थी कि चार साल की तो मै थी मां नहीं।
मां ने भी बड़े प्यार से मुझे गोदी में उठाया और सीधा मुझे मेरी लाल कुर्सी-टेबल पर बिठा दिया और बोली- "पहले पहाड़ा फिर झूला।"
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