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ठगने कि अंजाम
राजु नाम का एक लडका अपनी नानी के साथ बडी खुशी से रहता था।उसका पढाई मे एकदम मन नहीं था।वह सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ अपने मन का मालिक होता था।स्कूल जाने का बहाने बनाकर नदी के किनारे अपने बचपन के साथ खेलता था।इस तरह दिन चलता रहा और नानी को कुछ भी भनक नहीं परा।
एकदिन जब स्कूल के एक शिक्षक राजु के घर में आकर अपनी घर में नानी से स्कूल न जाने कि बात बोला तब नानी बहुत गुच्छा हुआ।राजु शाम के वक्त घर आने पर नानी ने उसे बहुत मारा और एक कमरे में बंद कर दिया था।लेकिन राजु बहुत बदमाश था।वह बीमार होने का बहाने बनाकर अपने नानी को जोर जोर से बुलाने लगा।नानी भी घबराकर राजु के पास दौरे चली गई थी।
जब दरबाजा खोल दिया तो राजु जोर जोर से हँसते हुए वहाँ से भाग गया।
राजु इसतरह नानी को बहुत चताता था।लेकिन नानी सब भुलाकर प्यार से उसे गले लगाता था।नानी के प्यार का फायदा उठाकर वह दिन बदिन बहुत गलतियां करने लगा था।नानी भी उनके बहाने से तंग आ गई थी।उसपर जैसे विश्वास ही उर गई थी।नानी का एक भी बात वह नहीं सुनता था।इसलिए नानी का प्यार भी कम हो गया था।
एक रात राजु को तेज बुखार हुआ था।वह ठंड से कँपने लगा था।नानी कोभी जोर जोर से बुलाया था।लेकिन नानी ये भी एक बहाने समझकर नहीं आये।वह पुरे रात इसतरह रहकर जिन्दगी से हार मान लिया।