...

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इश्क़ एक गुनाह है।
Part 7.

शाइस्ता मरियम से बनवाओ अब कशिश तुम्हारे काम नहीं करेगी मरियम से कहा करो। अम्मी अभी तो ये यहीं है तब तक तो बना ही सकती है साहिल कशिश को देखते हुए कहता है और अम्मी को लेकर बाहर चला जाता है कशिश चाय बना कर मरियम के हाथ चाय भेज देती है साहिल मरियम को देख कर गुस्सा हो जाता है शाइस्ता क्यों उस पर गुस्सा हो रहे हो साहिल मैंने तो कशिश से कहा था चाय के लिए ये क्यों ले आई वह महारानी कहां हैं मरियम अप्पी खाना बना रही हैं चाय उन्होंने ही बना कर दी है। सब रात के खाने के लिए टेबल पर इकट्ठा होते हैं शाइस्ता सकीना के अब्बू से आमिर भाई के घर से फ़ोन आया था रेहान आ गए हैं और कशिश से मिलना चाहते हैं साहिल खाना खाते से रुक जाता है और कहता है अम्मी रेहान को घर बुला लें हम सब भी देख लेंगे तब शाइस्ता हां बेटा बुलायेंगे लेकिन पहले ये दोनों तो एक दूसरे को जाने लें इन दोनों को समझ आ जाएगा तो ही हम बात आगे बढ़ाएंगे साहिल के अब्बू साहिल कल तुम कशिश के साथ चले जाना और ये दोनों आपस में मिल कर बात कर लेंगे जो करना होगी सकीना अब्बू हम भी जायेंगे अप्पी के साथ हां चली जाना लेकिन उन दोनों को अकेले छोड़ देना ताकि वह बात कर लें जी अब्बू‌। अगली सुबह को साहिल किचन में जाता है कशिश सबके लिए नाश्ता बनाती होती है साहिल मुझे कुछ बात करनी है साहिल मुझे कोई बात नहीं करनी है तुम यहां से जाओ। साहिल कशिश का हाथ पकड़ कर तुम्हें मेरी बात सुननी पड़ेगी कशिश छोड़ो मेरा हाथ वरना मैं शोर मचाऊंगी।...