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आदम्य भाग -1
#WritcoStoryPrompt114
We must have self compassion and not compare ourselves to others. Create a story about such while you deal with or avoid life's uncertainties.
(अदम्य)
वो शांत है पर अलग रहना उसकी पसंद है,
वो किसी के दवारा प्रताड़िता का शिकार नहीं।(दीश)

आप यह कहना चाहते हैं की खुबसूरती में छुपा हुआ वो एक खंजर हैं।(केत)

उसकी शांति का अर्थ ये नहीं वो कातिल हैं ,वो बेहद नरम दिल है।(दीश)

आप उसके बारे में ऐसा कैसे कह सकते हो, क्या आप उनके करीबी हो।(केत)
मुझमें उनसे प्रश्न करने की हिम्मत नहीं होती।(केत)

वो बेहद पत्थर दिल है, वो किसी पर रहम नहीं खाता ///// क्या अब भी आप उसे नरम दिल कहोगे।(केत)

हाँ उसे लेकर मेरी राय बदलना उतना ही मुश्किल है जितना तुम्हारे लिए उसे बेकशूर मानना है।(दीश)

गुरू जी , सारे कबिलों के लोग उन्हें दोषी मानते हैं।
तो क्या वो सब गलत हैं जो वो सोचते हैं वो सब झूठ है।
लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है, अगर वो सही थे तो आपने उनकी सहायता क्यों नहीं की । (केत)

तुम एक मूर्ख की तरह बात मत करो ,केत ।
अगर में उसकी सहायता करने में सफल हो पाता तो शायद उसे खोता नहीं।(दीश)

आपने उन्हें ढूढनें का प्रयास क्यों नहीं किया , गुरू जी मुझे नही लगता वो मरे होंगे।
जरूर वो कहीं छीप गये होंगे।(केत)

अब बहुत समय बीत चुका है, हर पुरानी याद मिटती जा रही है।
पर मेरे से वो मंजर भुलाया नहीं जाता। (दिश)