...

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अधूरा मै अधूरी मेरी चाहत
हर जखम वक्त के साथ और गेहरे हो जाते है।।
यहाँ लोग इश्क़ मे इतना खो जाते है।।
सब कुछ सामने होता है
हम अंधे और बेहरे हो जाते है।।
हर खूबसूरत फूल गुलाब नही होता।।
हर स्कस खुली किताब नही होता।।
किसी की चाहत मे अक्सर हम बर्बाद हो जाते है।।
कु दिल लगाया जाता है यहाँ जब बेक़दर् इंसान हो जाता है।।
इश्क़ को सनक कहते थे
अब मोहब्बत मे वो बात नही होती।।
मुझे डर है मै फिर उसके करीब न जाऊ
आधा तो भूल चुका हु मै खुद को पूरा न भूल जाऊ।।
आया हु अपने सेहेर् तो थोरा सुकून मिला है।।
लौटना है वही जहा इश्क़ तो नही एक जुनून मिला है।।
है शुक्रिया ऐ दिल तुझे तूने मुझे सम्भाल रखा है।।
हद मे रेहना तो सिखा नही तूने आज भी उसके नाम से इश्क़ बरकरार रखा है।।
© singh_subhammmm