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kamare ka Raj(sheen the tale of worrior)part-3
स्टाफ के कहने पर ओशीन नीचे बेसमेंट में जाती है जब वो बेसमेंट में जा कर किताबे रख देती है तो उसकी नजर बेसमेंट में बने एक दरवाजे से निकलती रोशनी पर पड़ती है वो जब उस दरवाजे के होल से देखती है तो उसको एक क्रिस्टल बॉल दिखाई देती है

थोड़ा और गोर से देखने पर उसे किसी की परछाई दिखाई पड़ती है और वो थोड़ा घबरा जाती है तभी पीछे से अचानक एक आवाज उसका ध्यान अपनी तरफ खींच लेती है —

"ओशीन! क्या कर रही हो तुम इतना टाइम क्यू?"

ओशीन अचानक ही उस जगह से अपना ध्यान हटाती है और उस इंसान की तरफ देखती है वहा उसकी मैनेजर होती है मैनेजर उसको गुस्से वाली नजरो से देख रही होती है ओशीन घबराते हुए कहती है —

"मैनेजर यहां कोई है देखिए यहां से रोशनी भी आ रही है आप देखिए तो"

यह सुनकर मैनेजर ओशीन से कहती है —

"मुझे पहले यह बताओ तुम यहां कर क्या रही हो और तुम्हे उस दरवाजे के पास जाने की इजाजत किसने दी तुम सभी को पहले दिन से ही इस दरवाजे के पास जाने की मनाही थी"

ओशीन कहती है —

" मुझे माफ करिए गा असल में मैं यह कुछ किताबे रखने आई थी लेकिन अचानक उस दरवाजे से आती हुए रोशनी को देख में खुद को रोक न पाई और उस दरवाजे के पास चले गई आप फिर भी देखिए उस दरवाजा के पार कुछ है"

यह सुनकर ओशिन की मैनेजर कहती है —

"कुछ नही है उस दरवाजे के पार अब तुम अपना काम करने जाओ ऊपर कुछ किताबे रखी है उनको जाकर समेटो"

यह सुनते ही ओशीन वहा से चले जाती है लेकिन जाते जाते वो फिर भी उस दरवाजे की तरफ देखती रहती है ओशीन के जाने पर उसकी मैनेजर इस दरवाजे के पास आकार खडी हो जाती है और कहती है —

"इस राज को राज ही रहने देना जरूरी है"

यह कहकर वो वहा से चले जाती है दूसरी ओर ओशीन किताबे रखते हुए अभी भी उस दरवाजे के बारे में ही सोच रही होती है तभी अचानक लाइब्रेरी की घंटी बजती है और खाने का समय हो जाता है सभी स्टाफ एक एक करके खाने के लिए जाते है।

ओशीन भी जल्दी जल्दी अपना काम खतम करके खाने के लिए बैठती है तभी उसको उस बूढ़े आदमी की बात याद आती है और वे सोचती है —

"ऐसी कौन सी बात थी और कहा आने को कह रहे थे वो मुझे?"

यह सोचते सोचते ओशीन अपना खाना खतम कर अपना बाकी का काम करने लग जाती है काम करते करते ओशीन को कब सुबह से शाम हो गई इसका पता ही न लगा सभी लोग अब लाइब्रेरी से एक एक करके जा रहे थे तभी ओशीन की मैनेजर आती है और कहती है की—

"ओशीन अब तुम्हारा समय हो गया है तुम्हे अब घर जाना चाहिए"

ओशीन ठीक है में जवाब देकर अपना बैग लेती है और लाइब्रेरी से बाहर निकल जाती है जैसे वो बाहर निकलती है तभी एक आवाज आती है —

"ओशीन!!!"

एक छोटे बालो वाली लंबी , ओशीन की उमर जितनी हसमुख और चुलबुली सी दिखने वाली लड़की ओशीन को बुलाती है।

ओशीन जब उसकी तरफ देखती है तो खुश होकर जोर से कहती है —

"आयशा तुम!"

यह कहते हुए वो आयशा की तरफ जल्दी जल्दी भाग कर जाती है और उसे गले से लगा लेती है दोनो लड़कियां आपस में गले मिलकर एक दूसरे से अलग होती है और इसी बीच ओशीन कहती है —

"आयशा तुम कब आई और यहां कैसे?"

आयशा कहती है —

"ओशीन आज ही तो बात की थी मैने कहा था ना की मैं आ रही हु और तुम्हे पता है ना मुझे किसी को चौका देना कितना पसंद है और मैने अभी वैसा ही किया "

यह सुनकर ओशिन हस्ते हुए कहती है —

"तुमने सच में ही मुझे चौका दिया"

" अब चल जल्दी घर नही तो अम्मी बोलेंगे"

यह कह कर दोनो घर की ओर चलने लगते है और कुछ ही समय में दोनो घर पहुंच जाते है जैसे ही वो दोनो घर आते है तो अम्मी आयशा को देख कर बहुत खुश हो जाती है और खुश होकर आयशा को गले से लगाकर कहने लगती है—

"आयशा तुम कब आई और तुम ओशीन के साथ?"

आयशा मुस्कुराते हुए कहती है—

"अम्मी मैं ओशीन को थोड़ा चौकाना चाहती थी तो मैंने एयरपोर्ट से सीधा उसकी लाइब्रेरी जाने के बारे में सोचा इसलिए मैं घर नही आई"

"और अम्मी इसने मुझे सच में चौका दिया था"(ओशीन कहती है )

इसी बीच ओशीन और आयशा के अब्बा एक कमरे से बाहर आते है और आयशा को देख कर वो भी खुश होकर कहते है —

"आयशा तुम आ गई और ओशीन तुम भी, और आयशा तुम सीधा घर क्यू नही आई कहा गई थी?"

ओशीन की अम्मी कहती है—

"एक बात बार – बार दोहरानी जरूरी नहीं है चलो में खाना लगाती हु सब आ जाओ"

यह सुनकर अब्बा सोच में पड़ जाते है —

"कौन सी बात के बारे में यह बोल रहे है?"

तभी अम्मी रसोई से चिल्लाते हुए कहती है —

"अब किस सोच में पढ़ गए आप जल्दी आइए खाना लग गया है अब अपनी सोच में ही डूबे रहेंगे"

ओशीन के अब्बा सर झटकाकर खाने के लिए बैठते है सभी परिवार जन हसी मजाक कर खाना खतम करते है और ओशीन आयशा अपने कमरे की तरफ अम्मी अब्बा को गुड नाईट बोल कर सोने के लिए चले जाते है।

दोनो जब अपने कमरे के बेड पर बैठी होती है तभी आयशा ओशीन से कहती है —

"ओशीन मैं तुम्हारे लिए  कुछ लाई हु क्या तुम देखना चाहोगी?"

यह कहते हुए आयशा अपने बैग से एक गोल्डन कलर का बॉक्स निकालती है और ओशीन को थमा देती है ओशीन  उस बॉक्स की तरफ देखती है और आयशा से कहती है —

"इससब की क्या जरूरत थी तुम आ गई वहीं बहुत है"

"ओशीन अब जल्दी इस बॉक्स को खोलो और मुझे बताओ तुम्हे यह चीज कैसी लगी"

ओशीन जब उस बॉक्स को खोलती है और देखती है तो एक काले रंग का चमकीला स्कार्फ जो देखने में बहुत सुंदर है,

जैसी ओशीन उस स्कार्फ को ओढ़ने के लिए खोलती है तो उसे एक निशान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है वो उस निशान की तरफ हैरानी भरी नजरो से देखने लग जाती है।

क्या देखा ओशीन ने ऐसा जिससे हो गई वो हैरान और क्या राज था लाइब्रेरी के उस दरवाजे का और क्या छुपा रही है मैनेजर क्या ओशीन लगा पाएगी पता जानने के लिए पढ़ते रहिए (शीन की कहानी)।