मिलने तक3jun2018 से अब तक का सफर
मिले थे अनजान बनकर पर आज वह मेरी जान है ।मिली थी वह मुझे ख्यालों की शहर उदयपुर में एक शिविर में ना में उसे जानू ना वो मुझे 9 दिन के साथ सफर मैं उससे मुलाकात का हुई। कही न की उसने भी मुझ नोटिस किया । लास्ट के दिन मेरे साथ उसने सेल्फी ली और इसी बहन वो अपना नम्बर दे गई । में हालही मैं 12th पास की ओर वो कॉलेज का 2year मैं ।मुझे पूछा आप कॉलेज कहा से करोगे तो मेने कहा मीरा***** से उसने कहाआपकी चॉइस बहुत अच्छी है क्योंकि उसका कॉलेज भी वहीं था । वहां वह हॉस्टल में थी। उसके से मैंने भी हॉस्टल में रहने का सोचा। इसी बीच हमारी बातें अच्छी होने लगी और देखतेे देखते बांड जुड़ गया। फिर मुलाकात हुई 3 अगस्त 2018 उदयपुर ।मुझे से बात करने में शर्म आती थी और शायद मुझे भी। 24 सितंबर 2018 फर्स्ट नाइट साथ में । उस दौरान से और ज्यादा बॉन्ड हुआ उस दौरान से और ज्यादा बॉन्ड कनेक्ट हुआ
औरों साथ मेरे घर पर गई ।और देखते-देखते उसके फाइनल ईयर की फेयरवेल का समय आ गया।
इसी दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हम 16 अप्रैल2019 हमने साथ में घूमने का प्लान बनाय न जाने क्यों अलग सी घबराहट थी बिछड़ने की मुझ में तो थी शायद उसमें....!
घूमने तो निकल गया और ऐसा तूफान आया लगा था कि आज ही सब खत्म हो जाएगा।
पर बच गए गए हॉस्टल में नेक्स्ट दिन जाना था अपने अपने घर मैंने उसे एक तोहफा भी दिया उसकी आंखों में नमी जो मुझे आज भी बेचैन कर उठती है। उस दिन के बाद से अभी कभी कभी मिलना होता है
इसी इंतजार में 3 अप्रैल 2021 को शायद मिलने वाली है
© प्राची राघव
औरों साथ मेरे घर पर गई ।और देखते-देखते उसके फाइनल ईयर की फेयरवेल का समय आ गया।
इसी दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हम 16 अप्रैल2019 हमने साथ में घूमने का प्लान बनाय न जाने क्यों अलग सी घबराहट थी बिछड़ने की मुझ में तो थी शायद उसमें....!
घूमने तो निकल गया और ऐसा तूफान आया लगा था कि आज ही सब खत्म हो जाएगा।
पर बच गए गए हॉस्टल में नेक्स्ट दिन जाना था अपने अपने घर मैंने उसे एक तोहफा भी दिया उसकी आंखों में नमी जो मुझे आज भी बेचैन कर उठती है। उस दिन के बाद से अभी कभी कभी मिलना होता है
इसी इंतजार में 3 अप्रैल 2021 को शायद मिलने वाली है
© प्राची राघव