ताड़ - तुड़या भंवरा (१)...
' ताड़ - तुड़या भंवरा' को पुरे पार्क में घुमाते .... या यूं कहिए कि मानों हवा में तैरता हुआ देखना अब मेरी मनपसंद गतिविधी हो गई ।
वह तेजी से, उछलता हुआ, कभी इस ओर, कभी उस ओर... किसी भी ओर मुड़ जाए यह उसकी मर्जी पर निर्भर करता है... कभी बैडमिंटन खेलते हुए लोगों को खड़ा होकर शटल को ताकने लगता ...शटर गिरते ही उठा लेता,अब लगता है कि खेल रुक गया..उसके हाथ से शटल...
वह तेजी से, उछलता हुआ, कभी इस ओर, कभी उस ओर... किसी भी ओर मुड़ जाए यह उसकी मर्जी पर निर्भर करता है... कभी बैडमिंटन खेलते हुए लोगों को खड़ा होकर शटल को ताकने लगता ...शटर गिरते ही उठा लेता,अब लगता है कि खेल रुक गया..उसके हाथ से शटल...