...

3 views

बहाव
कहानी पुरानी है लेकिन जानी पहचानी है ,
एक गांव था जो नदी के साथ में पड़ता था ।ख़ुशहाल जीवन, प्रकृति की गोद में रहते सभी लोग ।
गांव बनने से पहले वो सब नदी के रास्ते में आता था ।
बारिश की कमी के कारण नदी में पानी कम था और नदी अपना रास्ता धीरे धीरे बदलती है
लोग पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर थे । प्रकृति एक इंसान की जरूरत पूरी कर सकती है, लेकिन किसी का व्यवसाय पूरा नहीं कर सकती प्रकृति ने इंसान से कुछ नहीं माँगा बस दिया ही है और इंसान की बुरी चीजों का शिकार मासूमों को होना पड़ता है ।
तो एक दिन हुआ यू की बारिश रुकने का नाम नहीं ले रहीं थी। इंसानी गतिविधियों से भी प्रकृति पर सीधा असर पड़ता है ।
बारिश जायदा होने से नदी पानी से भर गयी लोग डर से थोड़ा पीछे हटे साथ में जरूरत का समान लेकर ।
पानी पर काबू पाना मुश्किल होता है जो नदी अपना रास्ता छोड़ कर पीछे हटी थीं लेकिन अब जायदा पानी होने की वजह से दोबारा अपनी युवावस्था में आ गयी
देखते ही देखते वो बहाव सब कुछ बहा कर ले गया सब जगह चीख पुकार और मदद की गुहार थी । मदद के लिये दूसरे गाँव के लोग आये जितना हो सका बचा लिया गया कुछ जानवर बह गये कुछ लोग भी बह गये ।
खोज अभियान चलाये गये कुछ को पाया गया और कुछ लापता रहे ।
जो जान बचा कर पेड़ों के उपर चढ़े थे उन्हें रस्सी की मदद से दो दिन बाद दूसरे किनारे उतारा गया।
गाँव को दोबारा बसाना जरूरी था । लोगों को साथ मिलाना ज़रूरी था । गाँव के मुखिया द्वारा फैसला लिया गया की गांव को नदी से दूर बसाया जाये ताकि आने वाले समय में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े ।
लोगों को हर प्रकार की जरूरी सहायता दी गयी मिल कर घर बनाये गये। लोगों ने एकजुटता का परिचय दिया और दोबार सब मिल कर प्रेम से रहने लगे ।
©vv1