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विवाह
शीर्षक विवाह
दिनांक 4/8/2022
#thewritingproject
बहुत साल पुरानी बात है। एक गांव के बाहर एक बहुत बड़ा कुआं था।
सारे लोग वहां पानी भरने आते थे। उसी समय वहां पर बहुत प्यारी सी सुंदर सी एक लड़की थी ,
जिसका नाम था राधा ,वह भी पानी भरने आती थी।
और जब भी वह पानी भरने आती उसी समय एक लड़का भी वहां पानी भरते आता था, जिसका नाम था श्याम।
और दोनों में पानी को लेकर बहुत बहस बाजी होती थी ।
कभी कभी तो गाली गलोच भी हो जाती थी।
इतना दोनो आपस में लड़ते थे कि! पहले मैं भरूंगी,पहले मैं भरूंगा।😆
दोनों एक दूसरे से लड़े बेगर नहीं रह सकते थे।
कभी एक चुप तो दूसरे को बेचेनी होने लगती थी कि आज मुझसे बात क्यों नहीं कर रहा है ? या कर रही है।
ऐसे ही धीरे-धीरे समय निकलने लगा।
और उनकी जो बहस बाजी थी, धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगी। एक दूसरे का दुख दर्द समझने लगे।
अब वो लड़ाई झगड़े जो थे धीरे-धीरे खत्म होने लगे।
और यह बात गांव में धीरे-धीरे से फैलने लगी की शाम राधा एक दूसरे को चाहनते हैँ।
जब यह बात दोनों के मां बावुजी के कान में पड़ी तो खुशी के मारे फूलों ना समाया,
उन्होंने ना उनको डांटा ना फटकार, और तुरंत शादी के लिए राजी हो गए।
पंडित को बुलाया गया तारीक निकाली गई ।मंडप सजाया गया, शहनाई बजाई गई।
और दोनों की शादी हो गई।
शादी के बाद दोनों ,हंसी खुशी बहुत प्यार से सब लोग रहने लगे।
शादी को जब दो तीन साल हो गए,
एक दिन राधा की सासू मां राधा से बोली , मजाक मे ।बहू तुम हमको दादी कब बनाओगी।
यह सुनकर राधा सकपका गई ।थोड़ी शर्मा गई ,और दौड़कर अपने कमरे के अंदर चलि गई।
अब वो सांसू मां को क्या बताएं। बहुत दिन हो गए देखते हुए, फिर
एक दिन सांसूमां राधा को पकड़ के डॉक्टर के पास ले गई।
बहुत इलाज करवाया बड़े-बड़े डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और यह बात फैलने लग गई कि राधा मां नही बन सकती।
धीरे धीरे घरवालों में बात होगी लगी कि श्याम की दूसरी शादी करेंगे कि घर में तो एक बच्चा बहुत जरूरी है।
इसके बिना परिवार कैसे बढेगा।
यह सुनकर राधा सोच मे पड़ गई और दुखी रहने लगी।
यह देखकर शाम भी बहुत दुखी होता।
श्याम को दुखी देखकर राधा ने एक तरकीब नीकाली।
मम्मी के पास जाकर बोली की मम्मी जी आप इनके दूसरी शादी कर दो, समझदारी दिखाई।
अगर इनकी दूसरी शादी हो जाएगी तो हमारी भी गोद भर जायेगी।
यह सुनकर सांस बहुत खुशी हुई बहू की बहुत बलाइयां लेने लगी।
श्याम से बोली,चलो तुम कोई लड़की पसंद कर लो और तुम्हारा दूसरा व्याह कर देंगे।
शाम तो दूसरा व्याह करना ही नहीं चाहता था । क्योंकि राधा को बहुत चाहता था। उसके बिना तो एक पल जीना भी नहीं चाहता था।
उसने मम्मी को समझाया और बोला दो-तीन साल रुक जाओ मम्मी फीर मैं आपको बताता हूँ।
यह बातचीत चल ही रहे थी कि उस गांव में एक डॉक्टरनी का आगमन हुआ।
ऐसे ही श्याम की इच्छा हो गई बैठे-बैठे की क्यों ना राधा को इनको दिखाया जाए।

और यह विचार आते ही राधा को लेकर डॉक्टरनी के पास चला गया।
उस डॉक्टरनी से मिलकर ,राधा को लगा, जैसे ईश्वर ने फरिश्ते के रूप में उस डॉक्टरनी को भेज दिया।
धीरे धीरे राधा का इलाज चलने लगा। उस डॉक्टरनी की दवायो ने वह कारनामा दिखाया जो शहर के बड़े-बड़े डॉक्टर नहीं कर पाए।
1 साल के अंदर राधा की गोद भर गई और सुंदर से बच्चे को उसने जन्म दिया। घर में खुशी का माहौल था, सब इतने खुश थे कि बता नहीं सकते।
श्याम की थोड़ी सी समझदारी ने, उसकी शादी शुदा जिंदगी को बचा लिया।
अगर वह जल्दीबाजी भी फैसला कर लेता ,शादी कर लेता ,तो दो -दो औरतों की जिंदगी बर्बाद हो जाती।
इसलिए हर काम बहुत सोच समझ कर ,शांत मन से फैसला ले, आपकी
शादीशुदा जिंदगी हमेशा खुशहाल रहेगी।
विवाह एक ऐसा बंधन है जो इबादत के बिना समझदारी के बिना पूरा नहीं होता।
दीप्ति गर्ग
भोपाल