पंखा
Akku
आज तुम्हारी याद आ रही है लग रहा है कि तुम कोई परेशानी में हो बार - बार तुम्हारा चेहरा नजरों के सामने आ रहा और बाकी जो कुछ भी है सब कुछ धुंधला हो जा रहा है । मुझे नहीं मालूम कि क्या बात है लेकिन ये बेचैनी न सुकून से एक जग बैठने दे रही है न ही किसी काम में मन लग रहा है । सोचती हूं दौड़ कर तुम्हारे पास आऊं और तुम्हे जोर से गले से लगाकर तुमसे सवाल करूं , "तुम ठीक तो हो ?" तुम कहते थे ना...