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गुरु
आज गुरु पूर्णिमा है, पर कोई उसका महत्त्व नहीं समझ पाता ।
आज के दीन सब अपने अपने गुरु को विश करेंगे, पर जैसे ही ये दीन ढलेगा सब फीर से अपने गुरु का महत्व भूल जाएंगे ।
हम गुरु को सीफॅ कहने के खातिर ही ब्रह्मा, विष्णु कहते हैं, पर हम उनमें वो रूप नही देख पाते।
गुरु वो है जो हमे ज्ञान के साथ जींदगी जीने का तरीका भी समझा ता है ।
अगर हमें कीसी छोटे बच्चे से भी शिख मिलती हैं तो वो भी हमारा गुरू है ।
मेरे मत से हमारी जींदगी भी हमारी गुरू है,
कयोंकि वो हमे हर पल कुछ नया सिखाती हैं ।