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बचपन तेरी यादों का सफर...
कभी कभी सोचती हूँ तो लगता है कि बचपन तेरा सफर कितना प्यारा था!
ये बात उस वक्त की है जब मैं 8-9 साल की थी, मेरे विघालय में में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर समारोह हो रहा था! मुझे याद नहीं पर मैं अपनी माँ और दीदी के साथ किसी कारण से नाना जी के घर गए थे उस समय मेरी मासी जी की बेटी भी पढाई के लिए हमारे साथ ही रहती थी! मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बहुत अधिक रूचि थी! इसलिए मैं ने मां से वापस आने को कहा, शायद काम कुछ बहुत जरूरी था इसलिए छोड़कर आना सम्भव नहीं था पर माँ को यह भी पता था कि बिना वापस आए मैं मानने वाली नहीं थी, हालांकि माँ भी हमसब को उदास नहीं करना चाहती थी इसलिए 15 अगस्त को सुबह में ही हम सभी वापस आ गये ,उस समय हम मसौढी में ...