मेलघाट के अनोखे चिकित्सक: डॉ. रविंद्र और डॉ. स्मिता कोल्हे की प्रेरणादायक कहानी
डॉ. रविंद्र कोल्हे और उनकी पत्नी डॉ. स्मिता कोल्हे की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है जो समाज सेवा, चिकित्सा, और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को दर्शाती है। दोनों डॉक्टरों ने महाराष्ट्र के मेलघाट क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित किया, जहां उन्होंने ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की सेवा की।
1989 में, डॉ. रविंद्र कोल्हे ने एक रुपये की नाममात्र फीस पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना शुरू किया। उनका उद्देश्य यह था कि गरीब और वंचित लोग भी अच्छी चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकें। एक रुपये की फीस न केवल उन्हें सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में मदद करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि वे सम्मान के साथ अपनी सेवाएं प्राप्त करें। इस विचार के पीछे यह भावना थी कि जब लोग सेवाओं के लिए कुछ भुगतान करते हैं, तो वे इसे...
1989 में, डॉ. रविंद्र कोल्हे ने एक रुपये की नाममात्र फीस पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना शुरू किया। उनका उद्देश्य यह था कि गरीब और वंचित लोग भी अच्छी चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकें। एक रुपये की फीस न केवल उन्हें सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में मदद करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि वे सम्मान के साथ अपनी सेवाएं प्राप्त करें। इस विचार के पीछे यह भावना थी कि जब लोग सेवाओं के लिए कुछ भुगतान करते हैं, तो वे इसे...