तक़्सीम...
एक आदमी ने अपने लिए लकड़ी का एक बड़ा संदूक़ मुंतख़ब(बनाया )किया जब उसे उठाने लगा तो वो अपनी जगह से एक इंच भी न हिला। एक शख़्स ने जिसे शायद अपने मतलब की कोई चीज़ मिल ही नहीं रही थी संदूक़ उठाने की कोशिश करने वाले से कहा, “मैं तुम्हारी मदद करूं?”
संदूक़ उठाने की कोशिश करने वाला इमदाद लेने पर राज़ी होगया। उस शख़्स ने जिसे अपने मतलब की कोई चीज़...
संदूक़ उठाने की कोशिश करने वाला इमदाद लेने पर राज़ी होगया। उस शख़्स ने जिसे अपने मतलब की कोई चीज़...