...

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उसे तुमसे मोहब्बत कमाल की थी,
वो करीब तुमको
तीन साल से पसंद करता था,

मगर तुम उसकी
मोहब्बत से अनजान थी,

तुम्हें खबर भी नहीं,
उसने अपने दिल ही दिल में
तुम्हें, कितना चाहा था,

कितना अब भी चाहता है,
तुम्हें तो उसका नाम भी पता न था,

मगर वो सब कुछ
जानता था तुम्हारे बारे में
उसे हर तुम्हारी छोटी से
छोटी चीज की भी बड़ी फिक्र थी,
उसे तुम से मोहब्बत जो कमाल की थी,

नजरो मे वो तुम्हारी कई बार आया,
मगर नजर में तुम्हारी वो कभी भी नहीं,

ना जाने वो तुमसे इतना प्यार क्यों कर बैठा
क्यों तुमसे वो इस कदर यूं दिल लगा बैठा,

शायद उसको तुम बहुत पसंद थी,
शायद उसको तुमसे मोहब्बत बहुत थी,

या यू कहु की उसने तुम्हें
अपना सच्चा इश्क़ मान लिया था,

जो कुछ भी था, इश्क या पसंद,
उसकी मोहब्बत तुमसे बड़ी कमाल की थी ,

यू गुजार दिए उसने बीते तीन साल दर्द मे,
जिसकी तुम्हें खबर भी कहीं नहीं थी ,

यू तन्हाई मे तन्हा सा रह रह कर,
तुमसे एक तरफा इश्क़ कर के वो यू
रो रो के यादो में वो तुम्हारी,

गुजार दिए उसने
तीन साल अपने इश्क़ के

वो इश्क जो आज भी तुमसे करता हैं
कल भी जो तुम से वो करता था,

मगर तुम्हें खबर नहीं है
जरा सी भी इस बात की,

शायद पता नहीं
तुम्हें याद भी हैं या नहीं

एक दफ़ा उसने
अपना रुमाल तुम्हें दिया था,

उस जगह को पोछने के लिए
जिस जगह पर तुम बैठना चाहते थे,
अरे तुम्हें केसे याद होगा
तुम से जो वो अनजान था,

कह नही पाया वो कभी तुमसे
उसकी तुम मोहब्बत थी या पसंद,

जो भी था उसे तुमसे
दिल्लगी बड़ी कमाल की कि थी,

© Krishan Meena