गांव-गली (भारतांकित भाग-२)
आज विचार हुआ उस गली में बिताए दिन अंकित करूं जो याद आते हीं गुदगुदी कर जाते हैं। उस मासूमियत और अपनेपन की झलक जो अब सिर्फ कल्पना मात्र लगती है। वो सारे खेल और बचपन के दोस्तों के साथ बिताए दिन।
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गलियों में जो...
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गलियों में जो...