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अंतरा का रहस्य
#रहस्यमयजागरण
एक प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक जो कि अपने आपको एक अंधेरे, छोड़ी हुई गोदाम में पाता है जहां बिलकुल अंधेरा था उसे कुछ दिखाईं नहीं देता तो वह अपने-आपको अंधा समझने लगता है कुछ देर बाद उसे दरवाजे के बीच में से छोटी सी रोशनी दिखाई देती है तो पाता है कि वह अंधा नहीं हुआ। तभी वह उठ खड़ा होता है और सोचता है कि वो यहां कब और कैसे आया ,तभी वह किसी चीज से टकरा जाता है और उसमे उसे एक किताब जो की बहुत पुरानी थी हाथ लगती है पर कुछ दिखाईं नहीं दे रहा था। तो वह दरवाज़ा खुलवाने की बहुत कोशिश करता है परंतु कोई नहीं आता फिर वह वहीं भूख प्यास से बेहोश हो जाता है फ़िर बहुत देर में आँख खुलती है तो पता चलता है सुबह हो गई तो उठकर इधर उधर घूमता है फिर उस किताब को उठाता है और खोलकर देखता है तो खोलते ही उसे कुछ अजीब सा एहसास होता है जैसे वह किताब कुछ उनसे बोलना चाहती है, किताब का अगला पन्ना खोलता है तो उसमे यहां से निकलने की कई सारे टास्क पूरे करने से पहेली सुलझा सकता हैं जिसे सुलझा के वह बाहर निकल सकता है ।
1. पहला टास्क पहेली में लिखा था कि अगर वो बिना देखे रसोई घर से खाना तैयार करता है तो वह इस घर से निकल सकता है।
2. दूसरा टास्क में लिखा था कि अगर वो कमरे में रखे शतरंज के खेल को खेल कर जीत हासिल कर लेता है तो वह इस घर से निकलने में सफल होगा।
3. तीसरा टास्क पहेली कुछ अजीब सी थी अगर वह मोमबत्ती जलाकर आत्मा को बुलाए और वह आत्मा उसे इस घर से निकलने का रास्ता बताएगी बहुत ही घबरा जाता है।
4 चौथा टास्क पहेली में लिखा था अगर वह अपने हाथ की नसों को काटेगा तो वह वो राज जान जाएगा की वह वहाँ कैसे और क्यों पहुंचा ।
तो आपको क्या लगता है क्या वह इन बताये गये काम को पूरा करके पहेली को सुलझा लेगा कि वो यहां कैसे आया क्यूँ आया और इसे यहां कौन लाया ?
तो चलिए आगे पढ़ते हैं क्या होता है डॉ अजीत कुमार के साथ।

अजीत कुमार (surgeon)रह चुके थे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्या हुआ था कि मेरे साथ यह हो रहा है, खैर उसने भूक लगने की वजह से वहाँ कुछ खाने को ढूंढता है तो उसे वहां साइड में एक छोटी सी रसोई दिखाई देती है जहां कुछ खाने पीने का समान था परंतु उसे याद आया कि उसे बिना देखे खाना बनाने की प्रक्रिया को पूरा करना है वह कोशिश करता है आँख बाँध कर खाना बनाने की वहाँ जो भी समान रखा था उससे कुछ बनाने की कोशिश करता है तो बना लेता है और उसकी एक टास्क कि प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
फिर वह उस खाने को खाकर अपनी भूख मिटाता है।

फिर उसे नींद आने लगती है लेकिन वहाँ कुछ डरावनी आवाजें आने लगती हैं तो वह घबरा जाता है और उसे निकलने के लिए दूसरे टास्क की प्रक्रिया याद आती है कि उसे वहाँ पर रखे शतरंज को खेलना होता है और वह शतरंज को देखता है तो उसपर बहुत धूल ज़मी होती है उसे साफ करके उसे खोलता है तो उसपर सारी शतरंज की गोटियाँ अपनेआप सेट हो जाती हैं तो वह थोड़ा घबराता है फिर देखता है कि दूसरी साइड से गोटियाँ चाल अपने आप चल रही हैं तो वह घबराया हुआ अपनी चाल चलता है आखिर में वह हार जाता है और उसे फिरसे खेलने के लिए एक आवाज आती है वह फिर खेलता है और इसबार वह जीत जाता है तो बहुत खुश होता है कि वह कामयाब हो गया निकलने के लिए, पर पर पर अभी तो पिक्चर बाकी है मेरे दोस्त उसने किताब का तीसरा पन्ना खोला तो उसमें लिखा था मोमबत्ती जलाकर आत्मा को बुलाए, मोमबत्ती भी वही रखी होती है, डॉ अजीत को समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ ऐसा क्यूँ हो रहा था, ख़ैर उसने मोमबत्ती जलाई और उसकी लॉ को देखकर उसने आत्मा को बुलाने की कोशिश की बहुत देर हो जाती है लेकिन कोई नहीं आता फिर जब मोमबत्ती पिघल कर थोड़ी सी बची थी तो बहुत तेज हवा का झोंका आता है और एक लड़की की आवाज़ आती है। वो कहती है अब चौथा टास्क पूरा करो
डॉ अजीत ,उसे वो आवाज़ जानी पहचानी सी लगती है ,वो उसे मजबूर करती है चौथा टास्क करने के लिए वो चौथा पन्ना खोलता है तो उसमें लिखा था हाथों की नसों को काटने के लिए वो मना करता तो वो आत्मा उसे उठा कर पटक देती है और बोलती है तुम्हें राज जानना है कि नहीं तो वो बोलता है कि जानना है पर मुझे छोड़ दो मेरा क्या कसूर है? वो आत्मा कहती है पहले इस टास्क को पूरा करो तब तुम्हें सारा राज पता चलेगा डॉ.अजीत नस काटने को तैयार हो जाता है जब वो नस काटता है तो आत्मा डॉ. अजीत बोलती है अजीत हैरान रह जाता हैं औऱ डॉ अजीत उसका नाम लेता है अंतरा ! आवाज़ आती है डॉ. अजीत आखिर पहचान ही लिया अब तो समझ गए होगे तुम्हारे यहां होने की वजह, डॉ अजीत कहता है कि लेकिन तुम मुझसे क्या चाहती हो?अंतरा गुस्से में कहती है कि भूल गए तुमने मेरे साथ क्या किया था mr.अजीत कहता है मैंने ऐसा क्या किया था, अंतरा उसे याद दिलाती है कि उसने उसे बहुत टॉर्चर किया था जब वो उसके कॉलेज में पढ़ रही थी तो उसने ट्रेनिंग के समय एक मरीज़ को गलत injection दिलवाया और उसके उपर सारा इल्ज़ाम थोप दिया था और मरीज़ मर गया तो अंतरा की इतने दिनों की मेहनत और पैसों पर पानी फिर गया और कॉलेज से निकाल दिया गया और डॉ अजीत ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसीको बताया तो वह उसका वो हाल करेगा तो वह डर कर हाथ की नस काट लेती है और आत्म हत्या कर लेती है। तब डॉ अजीत की जबान लड़खड़ाने लगती है और वह वहीँ गिर जाता है और कहता है कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं था फिर अंतरा को गुस्सा आता है और उससे बोलता है कि तुम मुझसे इस बात का बदला लेने आई हो पर तुम्हें सच्चाई नहीं पता, फिर डॉ. अजीत बता ता है कि उस दिन injection किसी दूसरी नर्स ने बदल दिया था जो की तुम्हारी कामयाब होने से जलती थी और तुमने मुझे गलत समझ लिया मैंने डर से तुम्हें कुछ किसी को ना बताने के लिए कहा था औऱ मैं आया भी था तुम्हारी मदद के लिए पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मुझे बहुत दुःख हुआ। अंतरा डॉ. अजीत की बाते सुनकर रोने लगती है और कहती है फर्स्ट एड्स का बॉक्स रखा है पट्टी कर लो और डॉ अजीत के आँख में भी पानी भर आता है और अंतरा से माफी माँगता है अंतरा उससे बोलती है माफी मैं तभी दूंगी जब मुझे मुक्ति मिलेगी ,तब डॉ. अजीत उससे वादा करता है की वो उसका मुक्त करने में उसकी मदद करेगा और करता भी है औऱ उस कमरे के दरवाज़े खुल जाते हैं और डॉ अजीत बाहर निकल कर उसका हवन करवाता है और अंतरा हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से चली जाती है और डॉ अजीत उसके इल्ज़ाम को गलत साबित करता है और सबसे माफी मांगता है।
© Puja Panchal