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जवाब
"अगर  आज  किसी  तरह  से  हम  कामयाब  हो  जाए,  तो  सब  बदल  जाएगा" हमारे  विभाग  के  मुखिया, श्री  कबीर  सैनी  ने  बोला । उनकी  यह  बात  सौ  प्रतिशत  सही  थी । आठ  वर्षों  पहले  बनाया  गया, हमारे  विभाग  के   वैज्ञानिकों  का  आविष्कार, वाहक-3  के  साथ  हम  आखिर  कार  संपर्क  बना  पाए । चार  वर्षों  पहले,  वाहक-3  कि  स्थिति  के  बारे  में  हम  कुछ  भी  नहीं  पता  लगा  पाए ।  अचानक  से  हमारा  संपर्क  वाहक-3  से  टूट  चुका  था ।  वाहक-3  का  लक्ष्य, पूरे  अंतरिक्ष  में  नए  जीवन  की  खोज  और  उनके  और  हमारे  बीच  संपर्क  करने  का  एक  ज़रिया  होना  था । परन्तु  उसके  हमारे  राडार  से  बाहर  चले  जाने  के  कारण,  एसा  नहीं  हो  पाया । इस  दुर्घटना  को  ...