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किस्मत और मेहनत
कहानी किस्मत से मेहनत तक की....😊👍
शिवकुमार नामक एक लड़का उत्तर प्रदेश के एक श्यामदास पुर गाँव मे रहता था।परिवार में माँ-पिता दो भाई और तीन बहनें थी।बहुत ही खुशहाल व समपन्न परिवार था।दो बड़ी बहनों और बड़े भाई का विवाह होने के बाद एकदिन शिव अपनी दीदी के घर गए थे।तब अचानक किसी से खबर मिली कि पिता की तबियत गड़बड़ है,वो जल्दी से अपनी दीदी को साथ लेकर घर जाने को तैयार हुए।दीदी का घर शिव के गाँव से काफी दूर था।आने-जाने को एकमात्र साधन साइकल थी,जो अक्सर सम्पन्न परिवार में ही होती थी।घर पहुँचने तक पता चला कि पिता का देहांत हो गया।उस समय शिव बहुत कम उम्र का था,वह आठवी कक्षा में पढ़ता था।बड़े भाई की शराब पीने की आदत थी जिसकी वजह से शिव को ही परिवार का भार उठाना पड़ा।हाई स्कूल पास करके शिव को काम करने और परिवार की ज़रूरत को पूरा करने के लिए शहर आना पड़ा।शहर में किसी रिश्तदार के साथ किराए के कमरे में रहा।जिनका बर्ताव कुछ अच्छा नही था।पर शिव को अपने परिवार,भाई- बहन की पढ़ाई सारी जिम्मेदारी का अहसास था इसलिए चुपचाप अपने काम पर ध्यान देता।फिर कुछ समय बाद शिव के विवाह की बात हुई,अब शिव अच्छी जगह काम करने लगा था।सुमन भी अच्छे बहुत खुशहाल परिवार की सबसे छोटी बेटी थी।शिव का विवाह होने के बाद उसकी पत्नी ने उनका बहुत सहयोग किया।वो अपने पति के लिए गर्व महसूस करती थी।सास -जेठानी के साथ अच्छा तालमेल था।ननद को अपनी बहन सा मान करती थी। कुछ समय बाद शिव ने छोटी बहन का विवाह कर दिया।फिर शिव के घर छोटी सी परी आई शिव और सुमन बहुत खुश थे पर उनकी खुशियों को नज़र लग गई,उस बच्ची की तीन माह में ही मृत्यु हो गई।फिर सुमन उदास रहने लगी।शिव को सुमन की बहुत फ़िक़्र रहती थी।सुमन और छोटे भाई को लेकर शिव शहर में रहने लगा।दोनो के जीवन मे कुछ खुशहाली फिर आयी, ईश्वर की कृपा से अब शिव के जीवन मे तीन बेटे थे।अरविंद,राहुल और अनूप तीनो में बहुत प्यार था।पर शिव को अपनी नन्ही परी की कमी महसूस होती थी।अब माँ- पापा से अपनी बहन के बारे में सुनकर अरविंद को भी बहुत चाहत थी कि एक बहन हो।काफी मन्नतों के बाद ईश्वर ने उनकी झोली खुशियों से भर दी।शिव के भाई की पढ़ाई पूरी होने के बाद भाई अब काम करने लगा था।शिव ने भाई का भी विवाह किया।फिर वह एक साथ शिव के घर ही रहते थे,पर बहु को सबके साथ रहने में कुछ असुविधा लगी जबकि शिव की पत्नी और बच्चे बहुत हंसी-खुशी रहते थे।कुछ समय बाद शिव का छोटा भाई अपनी पत्नी के साथ अलग रहने लगे।शिवकुमार को थोड़ा दुख हुआ पर उनकी खुशी के लिए सब भूल गए अब शिव की बहन और भाई अपने- अपने परिवार में खुशी से रह रहे थे।शिव अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रहे थे।अब सब खुश थे शिव की भाभी -भाई ,माँ सब कभी -कभी घूमने आते थे।
शिव के बच्चे अपने माँ पापा को बहुत प्यार और सम्मान करते थे।फिर शिव ने अपने भाई के बेटे और बड़े बेटे की शादी की भी कर दी ।भाई का बेटा शिव और सुमन दोनो को बहुत सम्मान देता था।सब कुछ अच्छे से चल रहा था कि एक दिन शिव को हार्ट अटैक आया।
सब परेशान हुए पर इलाज से ठीक हो गए,अब राहुल की भी शादी तय हो गयी ।बहु घर आई सारी बहु बेटे सब खुश रहते थे।कुछ समय बाद शिव को फिर से हार्ट अटैक हुआ पर घर पर सिर्फ शिव और सुमन थे बहु अपने बच्चों को स्कूल लेने गयी थी,बेटी कम्प्यूटर कोर्स के लिए गयी थी।सुमन बहुत घबराई पर सही वक्त पर दवा न मिल सकी और शिव को नही बचा पाई।पड़ोसियों ने शिव के बेटों को बुलाया सुमन तो जैसे बेसुद हो गयी।बेटो को यकीन न हुआ हॉस्पिटल लेकर गए पर शिवकुमार तो अब जा चुके थे।तारों की दुनिया में !सारा परिवार बहुत दुखी था जैसे सारी खुशियां चली गयी।
किस्मत-किस्मत ने तो शिवकुमार को कम उम्र में पिता से दूर कर दिया।
पर "मेहनत" से शिव ने अपना वो वजूद कायम किया कि उनका परिवार कभी भूल न सकेगा।।
💐💐""किस्मत के सहारे रहकर बेकार मत बनो,
बल्कि मेहनत करके वो मकाम हासिल करो कि किस्मत बदल दो।।""💐💐