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नरक में 7 दिन
(राज अर्जुन सिंह द्वारा लिखी गई काल्पनिक कहानी)

राहुल एक महत्वाकांक्षी मेडिकल छात्र था, जिसे हाल ही में राज्य के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान, सेंट ज़ालिया कॉलेज और अस्पताल में प्रवेश मिला था। यह अस्पताल न केवल अपनी उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के लिए बल्कि अपनी रहस्यमय "मुर्दाघर की कहानियों" के लिए भी जाना जाता था, जो छात्रों और कर्मचारियों के बीच फुसफुसाहट में चर्चा का विषय थीं।
मुर्दाघर, एक अंधेरी और ठंडी जगह, हमेशा डर का माहौल बनाए रखता था। वहां के रहस्यमय माहौल और "भूतिया" घटनाओं की कहानियां छात्रों के बीच चर्चा में रहती थीं। लेकिन राहुल, जो विज्ञान और तर्क में विश्वास करता था, इन बातों को केवल अफवाहें मानता था। उसे नहीं पता था कि उसकी यह सोच जल्द ही सबसे डरावने तरीके से चुनौती दी जाएगी।
घोटाला
एक दिन, अस्पताल पर एक गंभीर आरोप लगा। किसी ने मामला दर्ज कराया कि अस्पताल ने अज्ञात शवों के अंगों को बेच दिया था। इस आरोप ने अस्पताल की प्रतिष्ठा को हिला कर रख दिया। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच के आदेश दिए। जांच पूरी होने तक अस्पताल को बंद कर दिया गया।
लगभग एक सप्ताह तक अस्पताल पूरी तरह से शांत और वीरान...