भाग्योदय/ चमत्कार
© Nand Gopal Agnihotri
यूं तो कहा गया है -
कर्म प्रधान विश्व करि राखा,
जो जस करिहिं सो तस फल चाखा।
लेकिन किसी किसी के साथ ऐसे चमत्कार हो जाते हैं, तो कहना ही पड़ता है किस्मत का ताला कब खुल जाए या कब चमत्कार हो जाए कोई नहीं जानता।
ऐसी ही यह एक सत्य कथा है।
एक साधारण किसान परिवार में संतू (बदला हुआ नाम) अपने सात भाइयों में सबसे छोटा और उसका नसीब भी उतना ही खोटा।शरीर से बिल्कुल दुबला-पतला,अति अल्प बुद्धि बारह वर्ष की आयु तक...