पेड़
पेड़
ये कहानी बहुत पुरानी है जिसमे एक पेड़ गांव के बीचों बीच है। लोगो को दावा है कि उस पेड़ की उमर सौ साल है। लेकिन ऐसा नही है उस पेड़ की उमर हजारों साल है।
उसकी उमर पूरी होने वाली है और वो पेड़ सूख कर मर जायेगा । ये बात सोच कर पेड़ को बहुत दुख होता है और वो रोज रात को रोने लगता है।
गांव के लोग बहुत डर जाते हैं कि रोज रात को उस पेड़ से रोने की आवाज़ आती है। शायद इस पेड़ मे भूत जैसी कोई चीज है ये सोच कर गांव वालों ने पेड़ के पास जाना , बैठना और गुजरना ही बंद कर दिया ।
इस बात से पेड़ और दुखी हो गया और मन ही मन सोचता है कि मैंने इन लोगो को अपनी सारी जिंदगी दे दी। धूप में छांव,भूख लगने पर फल और ऐसी शांति दी जैसे के वो
चांद के पास बैठे ।
आज वो ही लोग मेरे रोने की वजह नहीं समझ रहे और मुझसे दूर भाग रहे हैं। क्या कोई है नहीं जो मेरा दुख समझेगा। इसके बाद वो पेड़ और जोर जोर से रोने लगा।
रोज आती आवाज़ों से गांव के लोग डर में थे । उनके पास कोई रास्ता नहीं था इन आवाज़ों से...
ये कहानी बहुत पुरानी है जिसमे एक पेड़ गांव के बीचों बीच है। लोगो को दावा है कि उस पेड़ की उमर सौ साल है। लेकिन ऐसा नही है उस पेड़ की उमर हजारों साल है।
उसकी उमर पूरी होने वाली है और वो पेड़ सूख कर मर जायेगा । ये बात सोच कर पेड़ को बहुत दुख होता है और वो रोज रात को रोने लगता है।
गांव के लोग बहुत डर जाते हैं कि रोज रात को उस पेड़ से रोने की आवाज़ आती है। शायद इस पेड़ मे भूत जैसी कोई चीज है ये सोच कर गांव वालों ने पेड़ के पास जाना , बैठना और गुजरना ही बंद कर दिया ।
इस बात से पेड़ और दुखी हो गया और मन ही मन सोचता है कि मैंने इन लोगो को अपनी सारी जिंदगी दे दी। धूप में छांव,भूख लगने पर फल और ऐसी शांति दी जैसे के वो
चांद के पास बैठे ।
आज वो ही लोग मेरे रोने की वजह नहीं समझ रहे और मुझसे दूर भाग रहे हैं। क्या कोई है नहीं जो मेरा दुख समझेगा। इसके बाद वो पेड़ और जोर जोर से रोने लगा।
रोज आती आवाज़ों से गांव के लोग डर में थे । उनके पास कोई रास्ता नहीं था इन आवाज़ों से...