कशमकश जिंदगी की (पार्ट-3)
कारवाले उस बन्दे ने बताया कि उसकी भी एक बहन थी जो इसी कॉलेज में पढ़ती थी ।एक दिन इसी तरह कॉलेज से आते वक्त उसे कोई साधन नहीं मिल पाया और किसी अंजान शख्स ने उसे घर पहुंचा देने की बात कही।उसके ना कहने के बाद उसने दो बंदों को और बुलाया और जबरन उठाकर उसे कार में डालकर सुनसान स्थान पर ले गया और मेरी बहन के साथ हैवानियत की हदें पार कर दी थी। मेरी बहन ने मौका-वारदात पर दम तोड़ दिया था।आज तक भी उन हैवानों का पता नहीं लगा पाया। और न ही आज तक वो घटना मैं दिल से निकाल पाया इसलिए शाम को कॉलेज की छुट्टी के वक़्त मैं नियमित यहीं आसपास रहता हूँ ताकि मेरी बहन की तरह फिर कोई निर्दोष...