में तुम्हारी हूं ...
सिद्धार्थ मेरे साथ ऑफिस में काम करता है बड़ा ही बातूनी और मजाकिया हे हम एक ही स्कूल में भी पढ़ते थे में तो उसके बारे में सब कुछ जानती हूं मगर पता नही की बो मुझे जनता भी हे या नहीं हम एक ही ऑफिस में काम करने के बाबजूद कभी बाते नही करते मगर मेरी नजर हमेशा उसको ही ढूंढती हे स्कूल टाइम से बो मेरा क्रश था और अब उससे इस कदर प्यार कर बैठी हूं की उसको बिना देखे जी नही सकती मगर में ये उसे बता नही सकती मुझे डर लगता हे की कही बो मुझे रिजेक्ट ना कर दे अगर उसने मुझे माना कर दिया तो में सहे नही पाऊंगी बस में ऐसे ही खुश हूं उसे दूर से चाहना और खुश रहना शायद कभी मौका मिले जिंदगी में एक आखरी वक्त में तो में शायद उसे बता दूंगी मगर बो वक्त कब आयेगा पता नही ..
हर दिन की तरह आज भी में उसे दूर से देख रही थी और खुश हो रही...
हर दिन की तरह आज भी में उसे दूर से देख रही थी और खुश हो रही...