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बदलाव जो आवश्यक है
दोस्तों आज मैं एक जाति व्यस्था के शिकार दो प्रेमी जोड़ों की कहानी आपको बताने जा रहा हूं

जाति मतलब मानवीय समाज का वर्गीकरण


भारत राज्यों का समूह है जिसमें विभिन्न संस्कृति और भाषाओं का समावेश है

जाति भी भिन्न भिन्न हैं

उच्च वर्ग सामान्य पिछड़ा वर्ग दलित अनुसूचित तथा औऱ निम्न वर्ग

शुरुआत करतें हैं कहानी की

कामेश एक बहुत अच्छा लड़का था वह गांव में रहता था पढ़ाई उसकी गांव में ही हुई 12वी कक्षा उतीर्ण करके जब कॉलेज की शिक्षा के लिए अपने गांव से 15 km दूर शहर के कॉलेज में प्रवेश के लिये गया

और वहाँ प्रवेश लेकर पुनः वापस अपने गांव लौट आया

रोज अपने गांव से बाइक में कॉलेज के लिए जाने लगा

10 से 15 दिन के बाद उसे कुछ नया एहसास हुआ जो उसके लिए बिल्कुल नया था

उसके कॉलेज में उसकी एक clasmate थी नव्या नाम की कामेश को उससे अंदर ही अंदर प्यार हो गया था लेकिन उसने अभी तक नव्या को नहीं बताया था

नव्या उसकी clasmate थी तो दोनों रोज class में मिलते थे

पर सिर्फ़ एक clasmate की तरह ही बात करते थे

कामेश एक दिन कॉलेज के लिए घर से आ रहा था
तो उसने देखा कि नव्या बस का इंतेज़ार कर रही थी

फिर क्या था कामेश ने नव्या से कहा कि बस का अभी पता नही कब आयेगी मेरे साथ मेरे बाइक में चलो मैं भी कॉलेज ही जा रहा हूँ

नव्या ने पहले तो कहा कि thnks but मैं बस में चली जाऊँगी फिर कामेश के दोबारा कहने पर वो कामेश के साथ आने को तैयार हो गयी

कामेश और नव्या बात करते हुए collage पहुंच गए

और उसी दिन से उनकी दोस्ती बढ़ गयी
और अक्सर साथ घूमने फिरने लगे

वैलेंटाइन डे को कामेश ने नव्या को अपनी दिल की बता दी

और नव्या ने चुप रहकर कुछ देर बाद कहा कि मैं अब जवाब देने के लिए तैयार नहीं

वक़्त आएगा तो जरूर बता दूँगी
बोलकर वहाँ से चली गयी
अब कामेश को डर लगने लगा कि उसका प्यार कहीं सपने की तरह बिखर न जाये

कुछ दिन बाद जब नव्या का जवाब आया कि वो भी कामेश को चाहती है

कामेश खुशी से झूम उठा
फिर दोनों रोज मिलने लगे class के बाद भी पार्क में

धीरे धीरे दोनों एक दूसरे की आदत बन गए
और रोज फ़ोन पे घंटो बात करने लगे

अचानक नव्या के घर मे पता चल गया उन दोनों के प्यार के बारे में फिर क्या था नव्या की फ़ोन छीनकर उसे घर मे ही बंदकर उसके लिये लड़का देखने लगे

शादी के लिए

लेकिन नव्या शादी को राजी नहीं थी
वो कामेश को मिलकर अपनी सारी कहानी बताना चाहती थी लेकिन वो मजबुर थी

एक दिन जब पता चलता है कामेश को तो वो नव्या से मिलने उसके घर चला जाता है

लेकिन उसकी फॅमिली उससे मारपीट कर उसको भगा देती है

धन-धान्य में दोनों की फैमिली संम्पन थी
और दोनों की फैमिली कट्टर अंतरजाति विवाह विरोधी थी

कामेश के लिए भी अब उसके घरवालों ने लड़की देखना शुरु कर दिया था शादी के लिए

और उधर नव्या के लिए भी रिश्ते आने लगे थे

6 महिने के बाद नव्या की शादी कही और जगह किसी दूसरे लड़के साथ हो जाती है

जब ये बात सुनकर कामेश पूरा टूट जाता है
अब कामेश अकेला पड़ जाता है
अपनी जाति वयस्था से खिन्न होकर वो एक संगठन बनाने की ओर अग्रसर होता है

और अपने सामाजिक युवा मित्रों के साथ अपने समाज के पदाधिकारी और जाति व्यवस्था से जुड़े कार्यकर्ताओ से अपने समाज के अंदर युवा कार्यकर्ता और युवा संगठन की मांग करता है

ताकि आने वाले भविष्य में जातिवाद की प्रताड़ना से किसी भी प्रेमी जोड़े को विवश न होना पड़े

उसकी कार्यशैली जाति व्यस्था में बदलाव लाने के लिए एक अहम योगदान देता है

जाति के बुजुर्गों के द्वारा उसे समाज से बाहर करने की चेतावनी दी जाती है
लेकिन कामेश का युवा संगठन इतना मजबूत हो चुका होता है कि उसके एक आवाज से सैकड़ों युवा उसके साथ समाज को एक साथ छोड़ने को तैयार हो जाते हैं

अर्थात 100 युवाओ के साथ उनका परिवार

अब समाज के पास कोई रास्ता नहीं बचता

फिर समाज के पदाधिकारियों द्वारा कामेश की बात माननी पड़ती है निम्न शर्तो के द्वारा

और फिर जातिगत व्यस्था में बदलाव कर निम्न दूसरी जातियों के साथ शादी विवाह की छूट दे दी जाती है

कामेश आज अपनी नव्या से दूर तो हो गया लेकिन

उसके प्रयास ने कितने कामेश और नव्या को अलग होने से बचा लिया

प्यार को कमजोरी न बनाकर उसने हथियार बना लिया और अकेले चल निकला समाज से लड़ने

लोग जुड़ते गए कारवा बनता गया
आखिर में उसके प्रयासों की जीत हुई





© कुलदीप राठौर