...

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आखिर गलती किसकी
दोस्तों ये कोई कहानी नही, मेरे मन की एक बात है
जो मै कहानी के माध्यम से बताना चाहती हु।

आप पढ़िए और बताईये कि गलती किसकि है.....

एक लड़का जो जेनरल कास्ट का रहता है। उसके पापा रिक्शा चलाकर अपने बेटे को पढा़ते है।

लड़का एक फोर्म भरता है और एक्जामिनेशन मे 80 % से पास , हो जाता है।
पर उसका सेलेक्शन नहीं हो पाता है।
वह बहुत दुखी हो जाता है।
फिर कभी वह फौर्म भी नहीं भरता है।
वो भी रिक्शा चलाना शुरू कर देता है।

क्योंकि जिन लोगों का नम्बर 50 या 55 % था उनका चयन हो चुका था।
फर्क इतना था कि चयन होने वाले लड़के शेड्यूल्ड कास्ट के थे।

उस लड़के के मन में यह बात बैठ जाता है कि - "काश हम भी शेड्यूल्ड कास्ट के होते।"

@INDIA AND INDIANS