मतलबी इंसान
सही बताऊ तो ऐसा कभी सोचा नहीं था की इंसान इतना मतलबी भी हो सकता है। एक दौर वह भी था जब लोग दुसरो के लिया जिया करते थे और देखते ही देखते वक़्त - की ऐसी हवा चली की इंसान की इंसानियत ही ख़तम हो गयी। लोग जानवर की तारा हो गए है. सड़क पर कोई मर रहा है और मदद के लिए बुला रहा है। भीड़ में कोई भी ऐसा नहीं है जो रुकर एक बार उसकी बात सुन ले | किसी के पास टाइम ही नहीं है, सब लोग सिर्फ और...