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अंदर की प्रतिभा
मुस्कुराने की वजह ढूढने वालो से एक अनुरोध है ।

अंदर खुद के झांके

आपको एक मेरी रचना से जागरूक करने की कोशिश करता हूँ।


बाहर का आवरण देखकर हम अपने भीतर एक अभिलाषा जागृत कर लेते हैं।

जिसका सीधा मतलब होता है

अपनी जिज्ञासा को दबाकर दूसरों की प्रतिभा से कमाई हुई चकाचौंध को अपने जीवन मे शामिल करने की होड़।

दो प्रेमी- प्रेमिका पार्क में बैठे थे।

और अपनी ख्वाहिश बता रहे थे,झूठी कसमें वादे भी शामिल थी जो काम चलाऊ मोहब्बत का अभिन्न अंग होता है।


लड़की कहती है मुझे अभिनेत्री बनना है
और अपना पहचान बनाना है

लड़का मुस्कुराता है

लड़की पूछती है और तुम क्या बनना चाहते हो ।

लड़का बोलता है तुम्हे खुश देखना लड़की खीझती है और चली जाती है ।

दूसरे दिन लड़की फिर अपने प्रेमी से पार्क में मिलती है

लड़की फिर कहती है ,यार मैंने सोंचा की मुझे सिंगर बनना है

इसमें भी बहुत ग्लैमर है

अब अभिनेत्री नहीं गायिका बनना है

लड़का फिर कहता है

मैं तुम्हे खुश देखकर ही खुश हूँ

फिर लड़की कहती है कि तुम सिर्फ मेरी खुशी में खुश होते रहो

और कुछ काम तो है नही तुम्हारा तुमसे पयार करना मेरी गलती है

लड़का फिर मुस्कुराता है


कुछ दिन दोनों की बीच बात चीत बंद रहती है

फिर लड़की उसे फोन करती है कि कल क्या कर रहे हो मुझे मिलना है तुमसे

लड़का कहता है ठीक है मैं आ जाऊंगा

फिर दोनों पार्क में बैठते हैं

फिर लड़का बोलता है बताओ क्या बात थी

जो मुझे यहाँ बुलाई आज

लड़की कहती है यार मैं कुछ ज्यादा ही सोंच रही थी ।

न मुझे गाना आता है ना एक्टिंग
फिर भी सपने बुन रही थी ।

लड़का फिर मुस्कुराता है

औऱ कहता है

की तुम वो सब करना चाहती हो
जो तुम नहीं कर सकती

तुम वही नहीं करना चाहती जो तुम कर सकती हो

लड़की मैं कुछ समझी नहीं!

लड़का -तुम लिखती बहुत अच्छी हो मैंने तुम्हारा डायरी पढ़ा है

क्यों न तुम अपनी प्रतिभा को अपनी ताकत बनाओ और इसी में अपना कैरियर बनाओ


हो सकता है समय लगे सफल होने में लेकिन मन में खुशी तो होगी कि मैं वही कर रही हूँ जो मेरा शौक है और इसमें रुचि भी

लड़की तुमने सही कहा यार मैं दुनिया की चकाचौंध देखकर इतनी ज्यादा आकर्षित हो गयी थी कि बस मुझे चमक ही नजर आ रही रही थी।

उनकी कुशलता और उनके भीतर की प्रतिभा नहीं


औऱ मैंने तुम्हें डांट भी दिया बुरा भला कहा
लेकिन तुमने बुरा नहीं माना।

लड़का मैं अपना स्वभाव किसी भी परिस्तिथि में नहीं बदलता ।

क्योंकि यही मेरी जीवन की अच्छाई है

और तुमसे नाराज हो जाऊं ,ऐसी तुमने कोई बात भी नहीं कि मुझसे

तुम बाहर देखती रही मैं तुम्हारे अंदर की प्रतिभा को देखता रहा और मुस्कुराता रहा
मुझे पता था कि जिस दिन तुम अपने अंदर देख लोगी

उस दिन तुम्हे बाहर के लोग देखेंगे

सफलता एक ऐसी चीज़ है जो सबको आकर्षित करती है

लेकिन सफल वही होता है जो पहले अपने अंदर झांकता है

उसके बाद दुनिया वाले उसे खुद ब खुद ढूढ़ लेते हैं

जिस दिन हम खुशी अपने ढूढं लेंगे न
दुनिया आपको तकलीफ देने से पहले खुद ही रोयेगी।











© kuldeep rathore