फूल ने कहा माली से..
नित्य की तरह माली आज भी पुष्पों को पानी देने के लिये बाग में आया था..
आस पास पड़ी गंदगी साफ करके फूलों की एक एक पंखुड़ी को कोमलता से साफ करता जा रहा था...
तभी उसने देखा एक पुष्प में से बूंदे गिर रही हैं.. ये देखकर माली की आँख भर आयी मानो पुष्प उससे कह रहा हो...
ऐ मेरे भाग्यविधाता तुम्हें क्या कहूँ मैं.. कितने जतन से हमें पालपोस कर बड़ा...
आस पास पड़ी गंदगी साफ करके फूलों की एक एक पंखुड़ी को कोमलता से साफ करता जा रहा था...
तभी उसने देखा एक पुष्प में से बूंदे गिर रही हैं.. ये देखकर माली की आँख भर आयी मानो पुष्प उससे कह रहा हो...
ऐ मेरे भाग्यविधाता तुम्हें क्या कहूँ मैं.. कितने जतन से हमें पालपोस कर बड़ा...