एक मुलाकात (पार्ट 4)
जब एक हफ़्ते तक सुरुचि लाइब्रेरी में नहीं आयी तो विपिन से रहा नहीं गया। वो शाम को ही प्रधानाचार्य से इस बारे में बात कर लेगा, उसने अपना मन बनाया। शाम हुई तो विपिन ऑफिस में गया, थोड़ी सी पढ़ाई और बच्चों के विषय में बात करके वो सीधे मुद्दे पर आ गया। उसने सारी बात बताई पर प्रिंसिपल सर ने कुछ नहीं कहा बस उसे सुनते गए चुप चप फ़िर ख़ामोशी में बैठ अपनी बेटी (सुरुचि) की तस्वीर को निहारने लगे।
विपिन शांति से बैठे उनके कुछ बोलने का इंतज़ार कर...
विपिन शांति से बैठे उनके कुछ बोलने का इंतज़ार कर...