एकांत वार्ता-1 (प्रभु से मिलन).....✍️✍️✍️
सभी पाठकों को राधे राधे 🙏
सब लोग यही चाहते हैं कि
हमें प्रभु मिल जायें, भगवान
मिल जायें।
परन्तु जब तक आप उनके
नाम का मनन चिंतन नहीं
करेंगे,तब तक यह संभव नहीं है
हम पाप कर्म करते जायें और
अपने मन में यह धारणा रखें कि
भगवान को कुछ भी ज्ञात नहीं है
वो क्या हमें देख रहे हैं तो आपकी
भूल है। ये तो वही कहावत हो गयी
""कि करे कुकर्म चाहे कल्याणा
ऐसा राम क्या मूरख जाना""
उनकी नजरों से कोई नहीं
बच सकता।
फालतू में बोलते रहते हैं गुड़...
सब लोग यही चाहते हैं कि
हमें प्रभु मिल जायें, भगवान
मिल जायें।
परन्तु जब तक आप उनके
नाम का मनन चिंतन नहीं
करेंगे,तब तक यह संभव नहीं है
हम पाप कर्म करते जायें और
अपने मन में यह धारणा रखें कि
भगवान को कुछ भी ज्ञात नहीं है
वो क्या हमें देख रहे हैं तो आपकी
भूल है। ये तो वही कहावत हो गयी
""कि करे कुकर्म चाहे कल्याणा
ऐसा राम क्या मूरख जाना""
उनकी नजरों से कोई नहीं
बच सकता।
फालतू में बोलते रहते हैं गुड़...