चाचा की बाते चाय की तफरी पर
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी। मानो सारे देश की राजनीती दुकान पर ही आ गई हो। कुछ देर बाद दो अजनबी चाय की दुकान पर आते हैं। बनवारी...