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वोट
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। अमन के बाबा हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।
अभी दो दिन बाद वोट पड़ना था तो हर ओर चर्चाओं का माहौल था चाहे ओ पान की पटरी हो या चाय की दुकान हर जगह सिर्फ इसी का चर्चा मानों गांव की परधानी का चुनाव नहीं भारत पाकिस्तान का युद्ध ठन गया हो छोटे छोटे बच्चे भी खुद को तजुर्बेकार माने कहीं कहीं ज्ञान देते मिल ही जाते थे ।
इस बार गांव में महिला सीट थी तो गांव के दो माने जाने लोगों की पत्नियों के नाम से प्रचार चालू था एक थीं सोनू देवी और एक प्रिया कुमारी दोनों ही करीबन चालीस के आसपास होंगी पर आज तक गांव के किसी भी आदमी ने इनको न देखा होगा पर आज जब चुनाव का माहौल है तो मानों चुनाव रुपी लालच के तूफान ने मर्यादा का घूंघट उड़ा ही दिया पर क्या कर सकते हैं अब जब महिलाओं को बराबरी का हक दिया जा रहा है तो उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का हक मिलना चाहिए ।
सोनू देवी के पति वृजनंदन उर्फ विनोद तिवारी गांव के प्रधान रह चुके हैं उनके ससुर हरिनंदन उर्फ हरिया भी गांव के प्रधान थे पर अभी खाट पर बैठे बैठे दिन भर तंबाकू ठोकते हैं या फिर फिर शाम के समय गांव के बुजुर्गों के साथ बैठकर पुरानी बातें करते हैं कभी कभी छोटे बच्चों को भी अपने जमाने की वीरता भरी कहानी सुनाया करते थे कि हमारे जमाने में लोग कैसे सांड और भैंसों से लड़ जाया करते थे ।
शाम के समय एक ही काम था की रेडियो पर मैच सुनते और चार लोगों के साथ हुक्का पीते ।
सोनू देवी के चार बच्चे थे जिनमें से तीन लड़के और एक लड़की तीनों लड़के सरकारी नौकरी करते थे पर छोटी लड़की अभी बारह में पढ रही थी जिसका नाम श्रुति था घर में इसकी काफी इज्जत थी और सभी लोग काफी स्नेह करते थे करते भी क्यों न इतने अमीर घर में एक ही राजकुमारी थी और दादा की दुलारी भी जब कोई काम करने को कहता तो हरिया...