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live in relationship
लिव इन रिलेशनशिप मतलब आर्थिक और शारीरिक हवस ..जिसमें दो विपरीत लिंग के व्यक्ति इसलिए साथ-साथ रहते हैं की उनकी शारीरिक भूख की पूर्ति हो सके क्योंकि कोठे पर जाना महंगा और सामाजिक दृष्टि से निम्न कार्य है..अगर कोई महिला 40 वर्ष के बाद यह कार्य करती हैं तो उससे मूर्ख कोई स्त्री इस धरती पर नहीं है.. आजकल स्त्री/पुरुष पति पत्नि बनकर ही मुश्किल से साथ टिक पाते हैं.. जहाँ माता-पिता रिश्तेदारों और भाईयों का हस्तक्षेप सभी का दबाव रहता है.. फिर इन बेहूदे रिश्तों की तो कोई गारण्टी वारंटी भी नहीं होती.. बड़े बड़े शहरों में अमीर महिलाएँ अपने शौक के लिए पहले पालतू कुत्ता पालती थी आजकल लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर आदमी पालती है.. पहले कुत्ते साथ लेकर चलने का फैशन था आजकल मर्द साथ लेकर चलने का फैशन बन गया है..होड़ लगी है भैया.. ना कोई बाप ना मइया पैसा बोलता है साहब... इधर सुन्दर महिला और अकेली देखकर 16 साल से लेकर 80 साल के बूढ़ों की लार टपकने लगती है वह भरसक प्रयास करते हैं महिलाओं को पटाने के लिए... प्रेम व्रेम कुछ नहीं ..पुरुष स्त्री का माल हड़पने की फ़िराक़ में रहता है और स्त्री पुरुष का जिसके जो हाथ लगता है लेकर फरार हो जाते हैं.. अगर किसी बूढे पुरुष पर कोई महिला फिदा हो रही है तो समझ जाये बूढे के दिन पूरे हो गए हैं और अगर कोई बुढ़ी महिला पर युवा पुरुष फिदा हो रहे हैं तो उस महिला का अंत निकट है.. 100% में से मात्र 1% लोग बुढ़ापे में सहारा ढूंढते है अन्यथा हर कोई माल की फ़िराक़ में साथ रहने का ढोंग करते हैं और मोका मिलते ही हत्या कर देते हैं या कागजात जोर-जबरदस्ती करके अपने नाम करा लेते हैं... अगर आप भी किसी लिव इन रिलेशनशिप के बारे में सोच रहे हैं तो सावधान.... बड़े धोखे है इस राह में .. पुरुष तो 99% शादीशुदा होते हैं जो सिर्फ मौज शौक के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं.. और लड़कियां भी आजकल अंकल की संकल बनाने में लगी हुई है... 😏

© Thakur