इंसान या साया..(पार्ट -3).??
जूली रात किसी तरह जैसे तैसे रात काटती है......
सुबह हो जाती है सब उठ जाते है जूली बहुत ही डरी सहमी घबरायी बैठी थी...
रॉबर्ट देखता है और उसे आवाज़ देता है-जूली.... जूली .....
पर जूली अपने ही आप में अपने सवालों उलझनों में खोयी रहती है और कोई जवाब नहीं देती....
रॉबर्ट उठ कर जूली के पास जाता है और उसे हाथ लगा कर.... जूली कहाँ खोयी हो....
इतने में ही जूली की डर की वजह से चीख निकल जाती है और वो चिल्लाती है..... रॉबर्ट..
रॉबर्ट उसे हिलाते हुए कहता है जूली कहाँ खोयी हो मैं यही हूँ तम्हारे पास तुम्हारे सामने..... ये सुनते ही जूली उसके गले लग जाती है और कहती है.... रॉबर्ट यहां से चलो मुझे यहां बिलकुल भी कुछ ठीक नहीं लग रहा यहां जरूर कुछ है जो सही नहीं हमारे लिए हमारे बच्चो के लिए प्लीज रॉबर्ट प्लीज तुम समझने की कोशिस करो मुझे यूँही ऐसा कभी फील नहीं हुआ कुछ तो है जो गलत है.....
रॉबर्ट-जूली क्या बच्चो जैसी हरकते और डर रही हो तुम, यहां सब ठीक है समझी तुम और सब सही सलामत है मैं तुम और हमारे बच्चे भी तुम ये बेकार का सोचना समझना बंद करो.....
जूली रॉबर्ट की बात काटते हुए- रॉबर्ट आप समझ नहीं रहे मैं इतनी गलत नहीं हो सकती और मुझे कुछ नहीं सुनना बस यहां से जाना है.
रॉबर्ट- ठीक है हम वापस चलते हैं पर बच्चो का क्या उनका उत्साह उनकी ख़ुशी सब निराशा मे बदल...
सुबह हो जाती है सब उठ जाते है जूली बहुत ही डरी सहमी घबरायी बैठी थी...
रॉबर्ट देखता है और उसे आवाज़ देता है-जूली.... जूली .....
पर जूली अपने ही आप में अपने सवालों उलझनों में खोयी रहती है और कोई जवाब नहीं देती....
रॉबर्ट उठ कर जूली के पास जाता है और उसे हाथ लगा कर.... जूली कहाँ खोयी हो....
इतने में ही जूली की डर की वजह से चीख निकल जाती है और वो चिल्लाती है..... रॉबर्ट..
रॉबर्ट उसे हिलाते हुए कहता है जूली कहाँ खोयी हो मैं यही हूँ तम्हारे पास तुम्हारे सामने..... ये सुनते ही जूली उसके गले लग जाती है और कहती है.... रॉबर्ट यहां से चलो मुझे यहां बिलकुल भी कुछ ठीक नहीं लग रहा यहां जरूर कुछ है जो सही नहीं हमारे लिए हमारे बच्चो के लिए प्लीज रॉबर्ट प्लीज तुम समझने की कोशिस करो मुझे यूँही ऐसा कभी फील नहीं हुआ कुछ तो है जो गलत है.....
रॉबर्ट-जूली क्या बच्चो जैसी हरकते और डर रही हो तुम, यहां सब ठीक है समझी तुम और सब सही सलामत है मैं तुम और हमारे बच्चे भी तुम ये बेकार का सोचना समझना बंद करो.....
जूली रॉबर्ट की बात काटते हुए- रॉबर्ट आप समझ नहीं रहे मैं इतनी गलत नहीं हो सकती और मुझे कुछ नहीं सुनना बस यहां से जाना है.
रॉबर्ट- ठीक है हम वापस चलते हैं पर बच्चो का क्या उनका उत्साह उनकी ख़ुशी सब निराशा मे बदल...