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वोट
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।कोई चुनाव के दल के अध्यक्ष को देख वोट देने की बात कर रहा था तो कोई चुनाव के दल के बड़े नेता को देखकर कोई अपने शहर से खड़े उमीदवार के काम पर वोट नहीं देने का सोच रहा था 2 -3 लोग तो ऐसे थे जो के रहे थे सब एक जैसे ही है हमे वोट देना ही नहीं है ये सब बातें एक पढ़ा लिखा collage का छात्र सुन रहा था उसने कहा चाचा वोट देना हमारा अधिकार है हमे वोट करना ही चाहिए अगर आप को कोई उमीदवार ना पसंद हो तो nota मे वोट करिए पर अपना कीमती वोट जायज ना करो ये सुन कर एक चाचा तिलमिला उठे और बोले कि हमारा वोट हमे करना हो करे ये सब उम्मीदवार वादा करते है और जीत के बाद कोई कुछ काम नहीं करता ये सुन रोहन ने समझाया आप पार्टी के प्रमुख या बड़े नेता को देखकर वोट नहीं करना चाहिए हमेशा हमारे शहर मे कोनसा उमीदवार काम करता है लोगों का समान करता है उसे वोट देना चाहिए और अगर वो भी कुछ काम ना करे तो आपके पास फिर मौका आएगा 5 year बाद उसे बदलने का और याद रख ये वोट करना ना सिर्फ हमारा अधिकार है वोट करना हमारी ज़िम्मेदारी भी है इसलिए वोट जरूर कर ये और अपने आसपास के लोगो को भी वोट का महत्व समजाए।
© keyur