...

9 views

माचिस ?
क्या आपको पता है कि रसोई में इस्तेमाल होने वाली छोटी-सी माचिस भी लोगों के मन में स्वतंत्रता संग्राम के प्रति ज्वाला जलाए रखने में सहायक रही है? आजादी से पूर्व ‘स्वदेशी‘ और ‘स्वतंत्रता संग्राम’ को बढ़ावा देने के लिए माचिस पर इससे संबंधित लेबल का प्रयोग हुआ करता था। बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें माचिस के कवर्स पर छपने लगीं थी, जैसे स्वदेशी अपनाने का संदेश देते हुए गांधी जी की तस्वीर, जय हिन्द के नारे के साथ सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर आदि।

बताया जाता है कि माचिस के अस्तित्व में आने के बाद इस पर कई प्रयोग हुए। पहली बार माचिस को ब्रिटेन के जॉन वॉकर ने 1827 में बनाया था। लेकिन उनके द्वारा बनाई गयी माचिस ज्यादा सुरक्षित नहीं थी। इसके बाद, माचिस को लेकर और कई प्रयोग हुए ताकि इसे लोगों के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित बनाया जा सके। आखिरकार साल 1845 में ‘सुरक्षित माचिस’ बनी, जिसका प्रयोग आजतक किया जा रहा है।

भारत में पहले माचिस दूसरे देशों से ही बनकर आती थीं। लेकिन फिर 1910 के आसपास एक जापानी परिवार कोलकाता में आकर बस गया और उन्होंने देश में माचिस का निर्माण शुरू किया। देखते ही देखते, माचिस बनाने की और भी कई छोटी-छोटी फैक्ट्री लगने लगीं। लेकिन धीरे-धीरे भारत में माचिस...