अलौकिकालोक
किसी दूर, बहुत दूर के देश में, एक ऐसा राज्य था जिसे अलौकिकालोक कहा जाता था। यह राज्य जादू और अद्भुत जीवों से भरा हुआ था, जहाँ हर चीज़ संभव थी। इस राज्य का शासक था राजा कल्पनावास, जिसका हर सपना हकीकत में बदल जाता था।
एक दिन, राजा कल्पनावास ने सोचा कि वह अपने राज्य को सबसे अनोखा बना देगा। उन्होंने अपनी जादुई छड़ी उठाई और पूरे राज्य में अलौकिक रचनाएँ करने का आदेश दिया।
पहली कल्पना में, राजा ने आसमान में सात इन्द्रधनुष बना दिए, जो कभी भी नहीं मिटते थे। इन इन्द्रधनुषों पर लोग यात्रा कर सकते थे और उन पर रंग-बिरंगे पक्षियों की सवारी कर सकते थे।...
एक दिन, राजा कल्पनावास ने सोचा कि वह अपने राज्य को सबसे अनोखा बना देगा। उन्होंने अपनी जादुई छड़ी उठाई और पूरे राज्य में अलौकिक रचनाएँ करने का आदेश दिया।
पहली कल्पना में, राजा ने आसमान में सात इन्द्रधनुष बना दिए, जो कभी भी नहीं मिटते थे। इन इन्द्रधनुषों पर लोग यात्रा कर सकते थे और उन पर रंग-बिरंगे पक्षियों की सवारी कर सकते थे।...