...

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गुमनाम
जीना है तो,न तू मोहताज़ रहना न मै मोहताज़ रहूँ!
आज से तू भी हो जाये बेपरवाह और मै भी न नाराज़ रहूँ!
जाने कितना गम सिमट जायेगा एक दायरे मे,
इसलिए तू भी खो जा कहीं और मै भी...