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मेरे बाबा.... part 4....😀😀😀😀
तभी वहां पर वह सब लोग भी आ जाते हैं तनु यह देख लेती है कि किस तरह खुशी ने उसे बचाया है तो वह उससे कहती है कि तुमने मेरी बेटी को बचा कर मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है !

मुस्कान कहती है कि पापा मुझे आपको एक बात बतानी है नताशा कोई और नहीं बल्कि आपकी बेटी खुशी है!

रणवीर कहता है कि मेरी बेटी तुम इतने सालों से कहां थी हमारे पास वापस क्यों नहीं आई तब खुशी कहती है कि कैसे आती जिस इंसान ने मुझे मारा उस इंसान के पास वापस आ जाती तब रणवीर कहता है यह क्या कह रही हो बेटी मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया था खुशी कहती है कि आप कितने आसानी से झूठ बोल लेते हो तब तनु बोलती है कि रणबीर झूठ नहीं बोल रहा मैं तुम्हें रणवीर की लाइफ से निकालना चाहती थी इसलिए तुम्हें मारना चाहती थी इसलिए वह गोली रणबीर ने नहीं बल्कि मैंने चलाई थी लेकिन आज तुमने मेरी बेटी की जान बचा कर मुझ पर बड़ा एहसान किया है !

मुझे मेरी गलती के लिए माफ कर दे बेटी तब
खुशी को अपनी गलती का भी एहसास होता
उसे अपने आप पर गुस्सा आता है कि मैं इतने सालों से अपने बाबा से नफरत करती रही तब वह रणबीर से कहती है कि बाबा मुझे माफ कर दो मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था!

तब रणबीर खुशी से कहता है कि नहीं खुशी
माफ तो तुम मुझे कर दो मैं एक अच्छा बाबा
नहीं बन पाया लेकिन अब से मैं एक अच्छा
बाबा बन के दिखाऊंगा इस तरह दोनों की गलतफहमियां दूर हो जाती हैं तभी मुस्कान कहती है कि खुशी मुझे भी माफ कर दो सूरज तो कभी मेरा था ही नहीं मैं तो अपनी जिद के चलते उसे पाना चाहती थी लेकिन आज से सूरज भी तुम्हारा है इस तरह सूरज भी उसी का हो जाता है और सूरज और उनका पूरा हो जाता है सब लोग एक साथ रहते हैं!

खुशी अपनी मां की तस्वीर के सामने कहती है कि देखो मां आज मुझे सारी खुशियां मिल गई मुझे मेरे बाबा मिल गए और जिससे मैं प्यार करती थी सूरज वह भी मुझे मिल गया काश आप भी मेरे साथ होती है तभी वहां पर तभी वहां पर सूरज और रणवीर आते हैं और वे कहते हैं क्या हुआ अगर तुम्हारी मां तुम्हारे साथ नहीं है हम तो हैं आज से तुम्हारी जिंदगी में सिर्फ खुशियां ही खुशियां होंगी तनु मुस्कान कहती हैं कि और नहीं तो क्या हम लोग भी तो हैं आज से तुम्हारे जिंदगी में दुखों का कोई काम नहीं आप हम लोग सब एक साथ खुशी-खुशी रहेंगे इस तरह वह सब एक साथ खुशी-खुशी रहते हैं और कहानी यहीं पर खत्म हो जाती है!😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀
© neha