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💎💎चमकते, दमकते हीरे हो तुम!💎💎
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कांच हो या ज़िंदगी, जब टूटते हैं तो अक्सर इनके तीखे टुकड़े चुभ जाते हैं। पीड़ा असहनीय होती है। नर्क सा आभास होता है। ऐसा लगता है मानो दुनिया तबाह हो गई है और जीने में कुछ नहीं रखा है।

एक बात समझ लीजिए।जब इंसान के पास खोने के लिए कुछ नहीं होता तो उसके हृदय से ख़ौफ़, भय , सब समाप्त हो जाता है! और जब ऐसा होता है तो वो ज़िन्दगी की भट्टी से तपकर निकलता है और फौलाद बनता है। कुंदन भी आग में ही तपकर बनता है और तो और टूटा कांच भी आग में पिघल कर पुनः सुंदर आकृतियां ग्रहण करता है।

क्या आप भी टूट कर बिखर चुके हो? अगर हां, तो क्या?! कोई परवाह नहीं। बस, सूर्य को एकटक देखकर मुस्कुराओ।आप पाओगे कि सूर्य की असीम रश्मियां हर टूटे टुकड़े से टकरा कर परावर्तित हो रही हैं, लोगों की आंखें चुंधिया रहीं हैं।हर टूटा टुकड़ा एक हीरे के समान चमक रहा है।

भाव यह कि दुनिया की समस्याएं आपको विचलित या disturb नहीं कर सकतीं जब तक कि आप स्वयं हथियार डाल न दें। आप असीम सकारात्मक ऊर्जा के स्वामी हैं। आप रूहानियत से सराबोर एक ऐसी रूह हैं जो हर परिस्थिति में एकरस भाव में रहते हैं। आपके सामने negativity पानी भरती है। Always remember— great hopes are born out of great miseries.

एक बार चमकता हीरा बन गए तो यकीन मानिए टूटने का भय सदा के लिए समाप्त हो जाएगा क्योंकि सब भली भांति जानते हैं कि हीरा संसार का सबसे मज़बूत ठोस पदार्थ है। तो फ़िर ठंड रखिए। बिंदास ज़िन्दगी जियो और हीरे के समान चमको, दमको! That is it!
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—Vijay Kumar
© Truly Chambyal