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कालचक्र द्वारा वात्सल्य भोग भोग और जीवनकवच।।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त का वास्तविक नाम इसकी सैली पर पूर्णतया उचित है क्योंकि इससे पहले हमने देखा था कि एक बहुत्व पूर्ण बीच किस तरह नष्ट हो गया है जो कि "प्रेम है क्यों।। क्योंकि प्रेम भोग एक सर्वगुण संपन्न स्त्री ही लगा सकती जो कि आज के कलियुग लग पाना मुश्किल है।।
आइए जानते है और देखते हैं ऐसा क्यों हुआ होगा।। जैसा कि आप सब ने देखा कि एक सवरगुणसपनन स्त्री ना होने के कारण प्रेम भोग नहीं लग पाया है। क्योंकि एक आत्मसमर्पण ना मिल पाने कारण पहला नष्ट हो गया मोह,वसना,ईशा,भोग लगाने के यह गाथा असम्भव और मलीन होने यह गाथा असम्भव ही रह जाती है।। इसके लिए हम इस गाथा बाकी श्रोतों नज़र डाला आवश्यक है।। इस गाथा में सारे श्रोत गाथा के खिलाफ है सिर्फ एक वो एक ही जो कुछ हद तक वात्सल्य कार्य करता मगर फिर वो भी विफल हो जाता कयोकि हर मा यशोदा और हर पुत्र श्री कृष्ण जैसे बन्धन में नहीं रह सकते इस कारण वात्सल्य भी विफल हो जाता है।।
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