दर्द का रिश्ता.....
दर्द का रिश्ता.....
आज अंजू का दर्द चरम सीमा पर था।उससे करवट भी
लेते नहीं बन रही थी।उसे उठने में चक्कर बहुत आ रहे थे।
बेटा बहू अपने कमरे में थे।आवाज देने पर आते सुनकर चले जाते।अंजू को वो समय याद आ रहा था जब बच्चों के बीमार होने पर वो सारी रात जागकर गुजार देती थी।आज कोई उससे ये नहीं पूछता था कि...
आज अंजू का दर्द चरम सीमा पर था।उससे करवट भी
लेते नहीं बन रही थी।उसे उठने में चक्कर बहुत आ रहे थे।
बेटा बहू अपने कमरे में थे।आवाज देने पर आते सुनकर चले जाते।अंजू को वो समय याद आ रहा था जब बच्चों के बीमार होने पर वो सारी रात जागकर गुजार देती थी।आज कोई उससे ये नहीं पूछता था कि...