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जो बीत गई वह बात गई
हाल ही में घटित एक घटना,एक ही आफिस में दो दोस्त
दिनेश और मंगल एक जैसे पोस्ट पर कार्यरत थे। दोनों ने कुछ ही दिन आगे पीछे काम शुरू किया था। लगभग दो साल हो गए साथ काम करते हुए उन दिनों को...मगर आज तक उन दोनों में कभी कोई अनबन नहीं हुई थी। उनकी दोस्ती और कार्य कुशलता ऑफिस में एक मिसाल कायम की थी।
दोनों दोस्त ज्यादा समय एक दूसरे के साथ ही बिताते
एक दूसरे का सहयोग करते और बड़े प्रेम से साथ रहते।
कुछ दिन पहले मंगल का प्रमोशन हुआ और वह मैनेजर बन गया। जिसका सदमा दिनेश को कुछ ऐसा लगा कि उसे अस्पताल में भर्ती कराने तक की नौबत आ गई थी।
दिनेश ने ना तो मंगल को प्रमोशन की बधाई दी और ना उसने मिठाई ही खाई। बल्कि मंगल के मुंह पे ही अनाप-शनाप बोलने लगा।उसने तो अपनी दोस्ती का भी मान नहीं रखा और यहां तक कह दिया कि अब प्रमोशन काम करने वालों को नही बल्कि चापलुसों को मिलने लगा है। जबकि मंगल ने उसे एक शब्द तक नहीं कहा। और लगातार उसे समझाने का प्रयत्न करता रहा। मगर दिनेश कुछ भी समझने को तैयार ही नहीं था। और उसने ईर्ष्या में मंगल से दोस्ती तोड़ दी..!! मंगल ने कई बार उससे बात करने की कोशिश की मग़र कोई फायदा नहीं।
कुछ दिनों बाद एक दिन दिनेश के घर से फ़ोन आया
उस वक्त वो किसी मीटिंग में व्यस्त था। जिस वजह से उसने फोन नहीं उठाया फिर थोड़ी देर बाद आफिस में फोन आया संयोग से उस वक्त मंगल वहां मौजूद था। मंगल को पता चला दिनेश के भाई की तबीयत अचानक बहुत खराब हो गई है। मंगल ने कहा आप चिंता मत करो मैं अभी आता हूं। मंगल जल्दी जल्दी उसके घर पहुंचा फिर उनको अस्पताल
ले गया,उनका इलाज शुरू करवाया और तब तक वहीं पर रहा जब तक कि दिनेश आ नहीं गया..!
जब दिनेश को पता चला कि उसका भाई बीमार है तो वह भागा भागा अस्पताल पहुंचा यहां पर डाक्टर ने बताया अगर मंगल सही समय पर उन्हें यहां ना लाया होता तो पता नहीं क्या हो जाता..??
अब आपके भाई ख़तरे से बाहर हैं।अब दिनेश को अपने किए पे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।
मगर फिर भी वो भागा भागा मंगल के पास आया जो कि अभी अस्पताल से बाहर निकलने ही वाला था। और उसके गले से गल कर जोर से रोने लगा कहने लगा मुझे माफ़ कर दे दोस्त..! मैं तुम्हें समझ ना सका। तुम्हारा दिल कितना बड़ा है।इतना सब हो जाने के बाद भी तुमने मेरे लिए इतना सब किया
और बदलें में मैंने तुम्हारे साथ क्या किया..??
तुम से दोस्ती तोड़ दी बेवजह तुम पर चिल्लाया,
तुम्हें भला बुरा कहा।आज अगर तम समय पर मेरे भाई को अस्पताल ना लाते तो शायद आज वो हमारे साथ ना होता.. मुझे माफ़ कर दो और उसके पैरों पे गिर गया..!अरे अरे ये क्या कर रहे हो तुम देखो "
जो बीत गई वह बात गई"पुरानी बातों को भूल जाऊं और जिंदगी एक नये सिरे से शुरू करों। मैं कल भी तुम्हारा दोस्त था, मैं आज भी तुम्हारा दोस्त हूं और मैं कल भी तुम्हारा दोस्त ही रहूंगा...।। अब तुम भाई का ध्यान रखो मैं आफिस के लिए निकलता हूं।
मंगल ने दिनेश की पीठ थपथपाते हुए कहा।
दिनेश ने मंगल से कहा थैंक्यू यार..!
मंगल ने दिनेश को गले से लगाते हुए मुस्कुरा कर कहा थैंक्यू मत बोलो..!!वो मेरा भी भाई ही हैं..…!!
किरण